प्रदेश अघ्यक्ष सम्पत सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए 2005 से नई पेंशन के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए। प्रदेश मंत्री रवि आचार्य ने कहा कि सितंबर में प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों एवं व्याख्याताओं के स्थानान्तरणों में हुए गडबड़ झाले को लेकर शिक्षकों में आक्रोश व असंतोष है।
प्रदेश संगठन मन्त्री प्रहलाद शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार के अनुरूप राज्य सरकार ने भी एक जनवरी 2005 से भर्ती होने वाले राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना लागू की है। यह योजना कर्मचारियों के पेंशन पाने के संवैधानिक अधिकार पर कुठाराघात साबित हुई हैं।
वक्ताओं ने रोष जताते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 29 सितम्बर को प्रदेश में प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक एवं व्याख्याताओं किए गए स्थानांतरण आदेशों में विभाग की स्थापित परम्पराओं और मान्यताओं को ध्वस्त कर दिया है, नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने तरीके से स्थानान्तरण आदेश जारी किए है।
धरना स्थल पर प्रदेश महामंत्री अरविन्द व्यास,राजनारायण शर्मा, देवलाल गोचर, देवकीनन्दन सुमन, जयमाला पानेरी, अभय सिंह राठौड़, बालकृष्ण शर्मा, कृष्ण कुमार सैनी, हरीश शर्मा, रूपाराम रलिया, राजेश शर्मा, राजकमल लोहार, भंवरसिंह राठौड़, अमरजीत सिंह,अशोक कुमार शर्मा सहित वक्ताओं ने विचार रखे। प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।