शिलान्यास समारोह के मुख्य अतिथि भाटी ने कहा कि महाराजा गंगासिंह विवि शोध और शिक्षा केन्द्र के रूप में पूरे देश में अलग पहचान बनाए, इसके लिए सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ राज्य सरकार आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाएगी। इसमें प्राध्यापकों की नियुक्ति भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विश्वश्वविद्यालय को सभी सुविधाएं निश्चित समय में मिलेंगी, इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इस केन्द्र में विद्यार्थियों के लिए रहना, खाना-पीना, इंटरनेट सुविधा और फोटो कॉपी करवाने सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। इससे विद्यार्थियों को विवि परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
सभी कार्मिकों का बीमा: कार्यक्रम में विवि के सभी कार्मिकों का बीमा किया गया, जिसका प्रमाण-पत्र कुलपति को भाटी ने दिया। बीमा राशि की किस्त विश्वविद्यालय ने वहन की हैै। इस अवसर पर राजाराम चोयल, डॉ. राकेश हर्ष सहित विभिन्न फैकल्टी प्रभारियों ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इससे पहले भाटी ने परिसर में पूर्व महाराजा गंगासिंह की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की।
रिक्त पद जल्द भरेंगे भाटी ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्मिकों पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। बोम कमेटी में विधायक सदस्य व राज्य सरकार की ओर से अन्य सदस्य भी मनोनीत कर दिए जाएंगे। सरकार इन रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उपनिवेशन सहित सभी विभागों में पद रिक्त है। इससे विभागों में काम प्रभावित हो रहा है। विभागवार रिक्त पदों की जानकारी उच्च शिक्षा की कमेटी ने वित्त मंत्रालय को भिजवा दी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से बातचीत करेंगे और इन पदों को भरने के लिए कहा जाएगा। मुख्यमंत्री इसके लिए वित्तीय प्रावधान करेंगे और आने वाले समय में इन पदों को भरा जाएगा।
संघटक कॉलेज बनाने के प्रयास करेंगे उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय रोजगारपरक पाठ्यक्रम पर विश्ेाष ध्यान दे। वर्तमान में संचालित पाठ्यक्रम के अलावा अन्य पाठ्यक्रम के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजें, जिन्हें जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डूंगर कॉलेज तथा एमएस कॉलेज को विश्वविद्यालय का संघटक कॉलेज बनाने के लिए भी राज्य सरकार स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए प्रशासन राज्य सरकार स्तर पर जो भी आर्थिक प्रस्ताव भेजेगा, उन्हें स्वीकृत करवाने के लिए कसर नहीं छोड़ेंगे।