राखियों और मिठाईयों की दुकानों पर लड़कियों व महिलाओं की भीड़ रही। बहनों ने अपने भाइयों, भतीजों के लिए सुंदर और कलात्मक राखियां और भाभी के लिए फैंसी लूम्बी खरीदी। शहर के गली-मोहल्लों से लेकर बाजारों, मुख्य मार्गों और कॉलोनी क्षेत्रों में स्थित राखियों की दुकानों पर रात तक खरीदारी चलती रही। मिठाईयों, वस्त्रों, सौन्दर्य प्रसाधान सामग्री, उपहार केंद्रों आदि की दुकानों पर भी भीड़ रही।
जेल में बंद कैदियों के बांधी राखी
केंद्रीय कारागृह में बंद कैदियों के बहनों ने मुंह मीठा करवाकर हाथों पर राखियां बाँधी । इसको लेकर जेल प्रशासन ने पहले से तैयारी कर रखी थी।
केंद्रीय कारागृह में बंद कैदियों के बहनों ने मुंह मीठा करवाकर हाथों पर राखियां बाँधी । इसको लेकर जेल प्रशासन ने पहले से तैयारी कर रखी थी।
ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराडू के अनुसार रक्षा बंधन के लिए इस बार पूरा दिन श्रेष्ठ है। सुबह सूर्योदय से शाम 6.15 बजे तक बहने अपने भाइयों के राखियां बांध सकेगी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को दिन में भद्राकाल नहीं होने से राखी बांधने के लिए पूरा दिन श्रेष्ठ है।