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यो छलिया छल करै, राज सब तेरो लेगो

locationबीकानेरPublished: Oct 20, 2021 05:17:54 pm

Submitted by:

Vimal

रासलीला – तेलीवाड़ा चौक रघुनाथ मंदिर के समक्ष शरद पूर्णिमा की रात होती है रासलीला
तीन शताब्दी से भी अधिक समय से हो रहा है मंचन

यो छलिया छल करै, राज सब तेरो लेगो

यो छलिया छल करै, राज सब तेरो लेगो

बीकानेर. शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है। मान्यता है इस दिन चन्द्रमा की रश्मियों से अमृत बरसता है। श्रीमद्भागवत कथा में इस दिन भगवान कृष्ण की ओर से गोपियों के साथ रासलीला का विशेष वर्णन मिलता है। शरद पूर्णिमा की रात अमृत बरसा रही चन्द्रमा की रश्मियों के बीच भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला के मंचन की विशेष परम्परा रही है। कलाकार पूरी रात चन्द्रमा के दुधिया प्रकाश में भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का मंचन करते है। शहर के तेलीवाड़ा चौक स्थित रघुनाथ मंदिर के समक्ष रासलीला के मंचन का इतिहास रियासतकाल से है। बताया जा रहा है कि 360 वर्षो से यहां रासलीला का मंचन हो रहा है। मोहल्लेवासियों की ओर से पीढ़ी दर पीढ़ी इस परम्परा का निर्वहन किया जा रहा है। इस बार बुधवार मध्यरात्रि १२ बजे से गुरुवार सुबह तक रासलीला का मंचन होगा। जिसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

 

इन लीलाओं का मंचन

रासलीला आयोजन से जुड़े विष्णु दत्त व्यास बताते है कि रघुनाथ महोत्सव समिति की ओर से आयोजित हो रही रासलीला में रियासतकाल से माखन लीला, बंशी लीला, महादेव लीला और बलि लीला का मंचन होता है। रासलीला में स्थानीय निवासी रासलीला के विभिन्न पात्रों कृष्ण, बलदाऊ, राधा, सखी, महादेव, शुक्राचार्य, राजा बलि, छड़ीदार, चेला, नंदी,दीवान आदि पात्रों की भूमिका निभाते है।

 

कई भाषाओं में है दोहे व गीत

रासलीला का मंचन दोहे, गीत और नृत्यों के माध्यम से होता है। दोहे, संवाद और गीत संस्कृत, हिन्दी, बृज और राजस्थानी में है। रासलीला के कलाकार विभिन्न भाषाओं में दोहे, संवाद और गीत होने के बाद भी हर साल प्रभावी रूप से इसका मंचन करते आ रहे है। नगाड़ा, ढोलक, हारमोनियम, छमछमा, बांसुरी और घुंघुरू की लयबद्ध संगत के बीच रासलीला का मंचन होता है। इस दौरान १५१ किलोग्राम दूध से बनी खीर का भी वितरण होता है।

 

ये निभा रहे भूमिका

रासलीला के मंचन में इस बार भवानी शंकर व्यास, आसू आचार्य, गणेश सारस्वत, विष्णु दत्त व्यास, शंकर बिन्नाणी, अशोक रंगा, कुशार रंगा, आनन्द रंगा, ऋतु रंगा,लौकेश उपाध्याय, रूपेश रंगा मुख्य भूमिकाएं निभा रहे है। वहीं रासलीला मंचन में सुशील बिन्नाणी, मगन लाल देरासरी, गोपाल सारस्वत, लीलाधर जोशी, मनीष स्वामी, कमल रंगा, विमल रंगा, संतोष व्यास, आनन्द व्यास, रघुनाथ देरासरी, विनोद खत्री,गिरिराज बिन्नाणी विभिन्न व्यवस्थाओं को सुचारू रूप दे रहे है।

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