यूं रखी अपनी बात
प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री को कहा कि केवल पदोन्नति की चाह रखने वाले अध्यापकों का एक वर्ग धरना प्रदर्शन कर इस नियम को बदलवाने का दवाब बना रहा है, जो गलत है, जबकि राज्य सरकार ने 50 साल बाद शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन पदोन्नति से ज्यादा विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए बनाया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि नियम 2021 को पूर्णत: लागू करवा कर सत्र 2021-22 तथा 2022-23 की पदोन्नति में नवक्रमोन्नत विद्यालयों के पदों को शामिल करते हुए पदोन्नति के आदेश किए जाएं। प्रतिनिधिमंडल में केके व्यास, श्याम सुन्दर ओझा, राजेन्द्र किराडू तथा दिनेश चूरा सहित कई शिक्षक उपस्थित थे।
इन्होंने भी दिया ज्ञापन
शिक्षा निदेशालय के कार्मिकों ने शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला से मिलकर गत दिनों रेसा के अधिकारियों द्वारा निदेशालय में प्रदर्शन के दौरान अभद्र व्यवहार करने वाले शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में निदेशालय के कार्मिक पूर्व सहायक प्रशासनिक अधिकारी केसी व्यास, आनंद साध, सत्य नारायण व्यास, मधुसूदन व्यास , जितेन्द्र चौधरी , राजेन्द्र चौधरी, अखिल स्वामी, सिद्धार्थ रिणवा,राजेश गहलोत,अनिल पुरोहित तथा अन्य कार्मिक शमिल थे।