इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर देना बैंक के एटीएम को गैस कटर से काट कर आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया था। लूट की वारदात के बाद पुलिस अधीक्षक सवाईसिह गोदारा ने घटना स्थल का निरीक्षण कर वृत्ताधिकारी जगदीश प्रसाद बोहरा व थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई को टीम गठित कर दिशा निर्देश दिए। इस टीम ने वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी जितेन्द्रसिंह उर्फ जीतू राजपूत निवासी कवरासा (जयपुर) को चित्तौडग़ढ़ एवं मोहनलाल उर्फ मोनू चंदवाजी निवासी
जयपुर को
अजमेर से गिरफ्तार किया गया।
लूट की वारदात में काम ली गई कार को भी जब्त कर लिया गया है। थानाधिकारी ने बताया कि दोनों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया। इनको 24 नवम्बर तक रिमाण्ड पर लिया है। इस लूट में शामिल दो और युवकों की तलाश की जा रही है। दोनों आरोपी कई अन्य लूट एवं हत्या के मामलों में भी लिप्त बताए जा रहे है। लूट की घटना के दोनों युवकों को गिरफ्तार करने वाली टीम में हैड कांस्टेबल रामफलसिंह, सुरेश कुमार, कांस्टेबल कृष्णकुमार, विनोदकुमार, जगदीश, रामनिवास एवं दीपक यादव शामिल थे।
शांतिभंग के आरोप में दो गिरफ्तार
लूणकरनसर. पुलिस ने शांतिभंग करने के आरोप में दो जनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। सीआई अशोक कुमार बिश्नोई ने बताया कि आरोपी शौकत अली को रोझां चौराहे पर वाहन की साइड को लेकर विवाद करने पर गाड़ी को सीज किया गया तथा आरोपी को शांतिभंग करने के आरोप में धारा १५१ के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा आरोपी ओमप्रकाश मेघवाल को शांतिभंग के आरोप में न्यायालय में पेश कर पाबंद किया गया।
13 वाहनों पर कार्रवाई
पुलिस ने बुधवार को राजमार्ग-१५ पर यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों के खिलाफ नाकाबंदी कर कार्रवाई की गई। सीआई अशोक कुमार बिश्नोई ने बताया कि बिना कागजात सड़क पर दौडऩे वाले समेत विभिन्न कारणों के चलते १२ वाहनों के चालान काटकर १६०० रुपए जुर्माना वसूला गया तथा एक वाहन को सीज किया गया।
धोखाधड़ी का मामला बीकानेर . रामपुरा बस्ती निवासी गोविंदसिंह ने नगर विकास न्यास के कर्मचारी संजय पंवार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। उसने आरोप लगाया कि उक्त कर्मचारी ने प्लॉट का पट्टा बनवाने की एवज में २० हजार रुपए हड़प लिए और पट्टा भी बनवाकर नहीं दिया।
पुलिस के अनुसार परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि वह मकान का पट्टा बनाने के लिए संजय पंवार से मिला। संजय ने पट्टा बनाने के लिए २० हजार रुपए मांगे। उसे बीस हजार रुपए देने के बावजूद उसने पट्टा बनवाकर नहीं दिया। बार-बार संपर्क करने पर जल्द पट्टा देने की बात कहकर टालमटोल करता रहा।