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आचार संहिता के कारण अटकी बंदियों की रिहाई

locationबीकानेरPublished: Apr 17, 2019 11:45:05 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

बीकानेर. प्रदेश की जेलों में सामान्य अपराध की सजा भुगत रहे बंदियों के रिहा होने में अभी कुछ समय और लगेगा।

Release of stuck prisoners due to code of conduct

आचार संहिता के कारण अटकी बंदियों की रिहाई

बीकानेर. प्रदेश की जेलों में सामान्य अपराध की सजा भुगत रहे बंदियों के रिहा होने में अभी कुछ समय और लगेगा। ऐसे में इन बंदियों को अब कुछ दिन और जेल में बिताने होंगे। पिछले साल दो अक्टूबर-१८ को पहले केन्द्र सरकार की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू की गई योजना के तहत दूसरे चरण में प्रदेशभर की जेलों में बंद ७९ बंदियों को रिहा करने के प्रस्ताव आचार संहिता लगने के कारण सरकार के पास अटक गए हैं।
छह अप्रेल को होना था दूसरा चरण
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जेलों से बंदियों को रिहा करने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की तीन सदस्यीय कमेटी ने रिहाई होने वालों की सूची तैयार कर भिजवाई। पहले चरण की शुरुआत में दो अक्टूबर-१८ को प्रदेशभर के ८६ बंदियों को रिहा किया गया। दूसरा चरण छह अप्रेल-१९ को डांडी यात्रा दिवस पर और तीसरा चरण दो अक्टूबर-२०२० गांधी जयंती पर बंदियों को रिहा करना था लेकिन दूसरा फेज का मामला आचार संहिता के कारण अटक गया है। विदित रहे कि गत वर्ष बीकानेर जेल से १२ बंदियों को रिहा किया गया था। इस बार पांच बंदियों के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए गए हैं।
इन बंदियों को करना होता है रिहा
केन्द्र सरकार की इस योजना में केवल सामान्य अपराधों के तहत जेलों में सजा भुगत रहे बंदी लाभ ले सकते हैं। इनमें 55 वर्ष से ऊपर की महिलाएं जो 50 फीसदी सजा पूरी कर चुकी हों, किन्नर हो, पुरुष बंदी जो अनजाने में अपराध कर जेल में बंद होकर 50 फीसद सजा काट चुके हों, 70 फीसदी से ज्यादा दिव्यांग बंदी जो 50 फीसदी सजा पूरी कर चुके हों व दो-तिहाई से ज्यादा सजा काट चुके बंदियों को शामिल किया गया हैं। वहीं हत्या के आरोपी, कुख्यात अपराधी, हार्डकोर नक्सली व उम्रकैद वाले बंदी एवं गंभीर प्रवृति के अपराध की सजा भुगत रहे बंदी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
इन्हें मिलती है छूट
तस्करी, चोरी, धोखाधड़ी एवं दुर्घटना मामले में सजायाफ्ता बंदियों को छूट। बीकानेर जेल से पांच बंदियों के प्रस्ताव तैयार भिजवा दिए गए थे। बंदियों को रिहा करने संबंधी अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
परमजीतसिंह सिद्धू, जेल अधीक्षक बीकानेर
७९ बंदियों के प्रस्ताव

छह अप्रेल को बंदियों को रिहा किया जाना था लेकिन आचार संहिता के चलते मामला सरकार के पास अटका हुआ है। दूसरे फेज में प्रदेशभर की जेलों से ७९ बंदियों को रिहा करने के प्रस्ताव मिले हैं, जिन्हें सरकार के पास भिजवा दिया गया।
विक्रमसिंह, आईजी
जेल जयपुर
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