नगमे आजादी के गाएं…. आओ वतन की आन बचाएं, नगमे आजादी के गाएं है एकता ही की ताकत, इसको मिलकर और बढ़ाएं
जो भी है इस देश का दुश्मन ऐसा उसको सबक सिखाएं
हम अपनी ताकत का सिक्का हर दुश्मन के दिल पे बैठाएं
है फौज की हिम्मत आली हौसला उसका और बढ़ाएं प्यार मुहब्बत के पानी से नफरत की हर आग बुझाएं
दिल को अपना बड़ा रखेंं हम माजिद ले लोगों की दुआएं
-माजिद खान गौरी..
……………………….. न घटने दो कीमत वतन की… रखो दिल में भरपूर उल्फत वतन की, न घटने दो दुनिया में कीमत वतन की
सलाम उनकी जांबाजी को हम करें आज, करें रात-दिन जो हिफाजत वतन की
कफन सर पे बांधे हैं तैयार हम सब, हमें जान से प्यारी है इज्जत वतन की
अगर हुक्मरां बन के दीमक रहेंगे, सुधर पाएगी कैसे हालत वतन की मिटाओ ये मजहब के झगड़े यहां से, हमें अब बढ़ानी है ताकत वतन की
कोई शमा ऐसी जला दें दिलों में, करे हर बशर ही इबादत वतन की
-डॉ मंजु कछावा ‘अना”
…………………………… तिरंगा हमारी शान है… गणतंत्र दिवस है आया, तिरंगा फिर शान से लहराया, संविधान हमारा आन बना, सबको बराबर का अधिकार मिला।
देश के आगे छोटी हमारी जान, ये मानकर अपनी शान,
ऐसे जवान हमारे रहते हमेशा सीना तान, तिरंगा हमारी शान। यह पावन धरा हमारी, जहां बहती सलिल सरिता न्यारी, जो सुनाती गाथाएं पुरानी हमारी, आजादी से जीना ही स्वाभिमान है। -सीमा वालिया…
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श्रेष्ठ है भारत मेरा….. जाति वर्ग, धर्म, पंथ, भाषा बोली, क्षेत्र प्रांत, विविध प्रसूनों वाला भारत उद्यान है! ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र, नहीं भेद कोई सभी हैं समान यहां सब का सम्मान है!
सारे सुख शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाएं अवसर एकसा कानून और एक संविधान है! एक है भारत मेरा, श्रेष्ठ है भारत मेरा, भारतीय हूं मैं मुझे गर्व अभिमान है!
-राजेंद्र स्वर्णकार… ……………………….. आह्वान…
भारत की आन हैं हम, हम ही भारत की शान जन गण मन से बना है अपना, प्यारा हिंदुस्तान
विविध संस्कृति, बोली, भाषा कितने इसके गान पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण गूंजे, अपना भारत महान
रोम रोम में बसी रहे सभी में इस भारत की आन शीश कटे तो कटे भले ही, न घटे देश का मान
माँ भारती के जाये हम सब, हम गणतंत्र की जान अमर रहे ये नेह धरा का, मिलकर करें आह्वान
-संजय पुरोहित…