सेवानिवृत कार्मिकों से जुड़े संगठन के सचिव गिरधारी लाल ने बताया कि प्रदेश में करीब साढ़े तीन हजार सेवानिवृत कार्मिकों को सेवानिवृति के बाद मिलने वाला परिलाभ नहीं मिला है। ऐसे में कार्मिकोंं का अब घर चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि सरकार का बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद वह इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि रोडवेज से सेवानिवृत सीपीएफ सदस्यों को मासिक 1200 रुपए एवुं 2200 रुपए पेंशन मिलती है, जो आज के महंगाई, वृद्धावस्था और कोरोना संकटकाल में ऊंट के मुंह में जीरे समान है।
2016 से चल रहा बकाया
यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि रोडवेज की सेवा से सेवानिवृत होने के बाद ग्रेच्यूटी, ओवरटाइम, जीएच सहित अन्य भुगतान मिलने चाहिए थे, लेकिन जुलाई 2016 से भुगतान बकाया चल रहे हैं। इतना ही नहीं बकाया भुगतान के लिए कार्मिकों की ओर से किए गए आंदोलन का भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान जगतपाल धतरवाल, विक्रम सिंह, हनुमंत मेहरा, महावीर सिंह, किसन सिंह चौहान, रामेश्वर खींचड़ आदि की उपस्थिति थी।