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रोडवेज के संकट मोचन बस सारथी झेल रहे दोहरी मार

locationबीकानेरPublished: Jul 01, 2022 01:00:53 am

Submitted by:

Hari Hari Singh

सरकार व निगम की नीतियों के कारण परेशानी

रोडवेज के संकट मोचन बस सारथी झेल रहे दोहरी मार

रोडवेज के संकट मोचन बस सारथी झेल रहे दोहरी मार

खाजूवाला. राजस्थान रोडवेज निगम में बस सारथियों को सरकार की गलत नीतियों के चलते दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। लक्ष्य के आधार पर राशि जमा करवाने वाले बस सारथी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं लेकिन अधिकारियों के आगे उनकी एक नहीं चलती और इसे अपना शोषण भी मान रहे हैं। जब रुट पर परिचालक नहीं होते तो उस समय संकट मोचन का काम भी बस सारथी ही करते हैं।


बस सारथी के नाम से रोडवेज में चल रही योजना के तहत बेरोजगार युवा रोजगार पाने के लिए रोडवेज निगम में करीब 30 हजार रुपए जमा करवाकर और परिचालक लाइसेंस के आधार पर बस को ठेका पर लेकर दिन-रात मेहनत करते हैं लेकिन सरकार की गलत नीतियां कहे या फिर रोडवेज निगम की दादागिरी कहे। उनसे दोगुना पैसा वसूल कर रही है। एक परिचालक ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश हैं कि परीक्षार्थियों को रोडवेज बस में निशुल्क यात्रा करवाई जाए। परिचालक इन आदेशों की पालना में परीक्षार्थियों को निशुल्क यात्रा करवा रहे हैं लेकिन रोडवेज निगम के अधिकारियों द्वारा निशुल्क यात्रा के रुपए को लक्ष्य से कम करने की बजाय पूरी राशि जमा करवाने के लिए बस सारथियों को मजबूर किया जा रहा है।

 

बस सारथी भी अपना रोजगार बचाने के लिए पूरी राशि जमा करवाने को मजबूर हैं। जबकि रोडवेज निगम राज्य सरकार से निशुल्क यात्रा करवाने वाले परीक्षार्थियों की राशि हजम कर रहा है। ज्ञात रहे कि बस सारथियों के रोडवेज की बसें अक्सर बिना परिचालकों की कमी के चलते खड़ी रहती हैं और रुट कई बार निरस्त करने पड़ते हैं। इससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती हैं। उस समय भी बस सारथी ही रोडवेज के संकट मोचन बनकर बसों को निरस्त नहीं होने देते और रुट पर चलते हैं लेकिन रोडवेज निगम बस सारथियों के साथ दोहरी मार कर रहा है।

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