कमरों की हालत खस्ता, टूट रहा प्लास्टर
मुख्य भवन के कुछ कमरों के हालत भी खराब है। इन कमरों की छतों पर जैसे ही नजर जाती है, तो टूटा हुआ प्लास्टर नजर आने लग जाता है। इस भवन की भी पिछले कई सालों से मरमम्त नहीं हो सकी है। जानकारी के अनुसार बारिश के मौसम में यह छत टपकना शुरू कर देती है। कब प्लास्टर टूट कर गिर पड़े, इसका खतरा भी लगातार बना रहता है।
40 कंडम बसें आगार में 40 के करीब कंडम बसें थीं, जिसमें से 37 बसों को नीलामी के लिए अजमेर भेजा जा चुका है। जल्द ही बची बसों को भी अजमेर भेज दिया जाएगा।
हालात-ए-बस स्टैंड
इन दिनों भीषण गर्मी का दौर है। पानी की व्यवस्था की बात करें, तो पीने के लिए पानी की प्याऊ तो है लेकिन उसमें लगा वाटर कूलर ही गायब है। शौचालय की भी हालत $खराब है, हालांकि बस प्लेटफार्म के सामने यात्रियों की सुविधा के लिए सुलभ कॉम्प्लेक्स बना हुआ है वह जरूर ठीक है। कहने को तो यह संभाग मुख्यालय का बस स्टैंड है, लेकिन सुविधा ग्रामीण स्तर से भी मुकाबला करती नजर आ रही है। कई बार स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों को भी इसके लिए अवगत करवा रखा है, लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है। इसके चलते आज भी इसके हालात जस के तस बने हुए हैं।
कम्प्रेशर ही गायब
पानी के लिए प्याऊ बना रखी है, इनमें पानी तो आ रहा है लेकिन ठंडा नहीं। हालत यह है कि एक प्याऊ में से तो वाटर कूलर ही गायब है, वही दूसरी में वाटर कूलर तो लगा है लेकिन इसमें से कम्प्रेशर ही गायब है। ऐसे में मजबूरन यात्रियों को इस भीषण गर्मी में भी ठंडे पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
पानी के लिए प्याऊ बना रखी है, इनमें पानी तो आ रहा है लेकिन ठंडा नहीं। हालत यह है कि एक प्याऊ में से तो वाटर कूलर ही गायब है, वही दूसरी में वाटर कूलर तो लगा है लेकिन इसमें से कम्प्रेशर ही गायब है। ऐसे में मजबूरन यात्रियों को इस भीषण गर्मी में भी ठंडे पानी की बोतल खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
इनका कहना है
मुख्यालय को मरम्मत के लिए पत्र लिखा हुआ है। साथ ही जनप्रतिनिधि स्तर पर भी मरम्मत के प्रयास जारी हैं।
-इंद्रा गोदारा, मुख्य आगार प्रबंधक, बीकानेर
मुख्यालय को मरम्मत के लिए पत्र लिखा हुआ है। साथ ही जनप्रतिनिधि स्तर पर भी मरम्मत के प्रयास जारी हैं।
-इंद्रा गोदारा, मुख्य आगार प्रबंधक, बीकानेर