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कार्मिकों को हो रहा रोजाना एक हजार रुपए का नुकसान, फिर भी हड़ताल

locationबीकानेरPublished: Sep 22, 2018 01:01:32 pm

बीकानेर. रोडवेज के संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में कार्मिकों की चक्काजाम हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। बीकानेर आगार से एक भी बस नहीं चली और यात्रियों को फिर निजी बसों में ज्यादा किराया देने को मजबूर होना पड़ा। उधर, सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारी बस स्टैण्ड पर डटे रहे। रोडवेज को हड़ताल से जहां रोजाना 16 लाख रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है, वहीं सेवारत कर्मचारियों का वेतन कट रहा है।

Roadways personnel strike

Roadways personnel strike


बीकानेर. रोडवेज के संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में कार्मिकों की चक्काजाम हड़ताल शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रही। बीकानेर आगार से एक भी बस नहीं चली और यात्रियों को फिर निजी बसों में ज्यादा किराया देने को मजबूर होना पड़ा। उधर, सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारी बस स्टैण्ड पर डटे रहे। रोडवेज को हड़ताल से जहां रोजाना 16 लाख रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है, वहीं सेवारत कर्मचारियों का वेतन कट रहा है।
एेसे में प्रत्येक कार्मिक को रोजाना औसतन एक हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। रोडवेज की हड़ताल के कारण सबसे अधिक परेशानी रियायती दर पर टिकट लेने वालों को हो रही है। इसमें 37 श्रेणियों के यात्री आते हैं। इसमें मुख्य रूप से महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, कैंसर पीडि़त, विद्यार्थी शामिल हैं।
काम नहीं, तो दाम नहीं
संयुक्त मोर्चा का दावा है कि हड़ताल में 400 सेवारत कर्मचारी एवं 380 सेवानिवृत्त कार्मिक शामिल हैं। ड्यूटी पर नहीं जाने वाले कर्मचारियों का वेतन रोजाना कट रहा है। रोडवेज प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि काम नहीं, तो दाम नहीं।
स्टैण्ड पर ही आश्रय
हड़ताली कर्मचारी 24 घंटे बस स्टैण्ड पर रह रहे हैं। रात को वर्कशॉप के गेट के आगे सोते हैं। सुबह व शाम का खाना भी बस स्टैण्ड परिसर में बना रहे हैं। शुक्रवार को गिरधारी लाल, जाहिद हुसैन, मोहर ङ्क्षसह सहित एटक, सीटू, इंटक, रिटायर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के सदस्य हड़ताल में शामिल रहे।
प्रमुख मांगें
कार्मिकों की सातवां वेतन लागू करने, नई भर्ती, सेवानिवृत्तों को बकाया भुगतान करने और प्रदेशभर में एक हजार नई बसें खरीदने आदि मांगें प्रमुख हैं। बीकानेर आगार में 40 नई बसों की मांग है। इस पर सहमति नहीं बनने से हड़ताल जारी है।
इसलिए नाराजगी
बीकानेर आगार से सेवानिवृत्त रोडवेज कार्मिकों का 35 करोड़ रुपए का परिलाभ बकाया है। इसके लिए जुलाई में हड़ताल की गई थी। उस समय सरकार ने बकाया का भुगतान करने का समझौता किया था, लेकिन उसे लागू नहीं किया। प्रदेशभर में चार हजार सेवानिवृत्त कार्मिकों के करीब 600 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसके नियमित भुगतान के लिए सरकार के पास कोई स्थायी योजना नहीं है। इसके लिए यह कार्मिक आंदोलन कर रहे हैं।
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