संयुक्त मोर्चा का दावा है कि हड़ताल में 400 सेवारत कर्मचारी एवं 380 सेवानिवृत्त कार्मिक शामिल हैं। ड्यूटी पर नहीं जाने वाले कर्मचारियों का वेतन रोजाना कट रहा है। रोडवेज प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि काम नहीं, तो दाम नहीं।
हड़ताली कर्मचारी 24 घंटे बस स्टैण्ड पर रह रहे हैं। रात को वर्कशॉप के गेट के आगे सोते हैं। सुबह व शाम का खाना भी बस स्टैण्ड परिसर में बना रहे हैं। शुक्रवार को गिरधारी लाल, जाहिद हुसैन, मोहर ङ्क्षसह सहित एटक, सीटू, इंटक, रिटायर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के सदस्य हड़ताल में शामिल रहे।
कार्मिकों की सातवां वेतन लागू करने, नई भर्ती, सेवानिवृत्तों को बकाया भुगतान करने और प्रदेशभर में एक हजार नई बसें खरीदने आदि मांगें प्रमुख हैं। बीकानेर आगार में 40 नई बसों की मांग है। इस पर सहमति नहीं बनने से हड़ताल जारी है।
बीकानेर आगार से सेवानिवृत्त रोडवेज कार्मिकों का 35 करोड़ रुपए का परिलाभ बकाया है। इसके लिए जुलाई में हड़ताल की गई थी। उस समय सरकार ने बकाया का भुगतान करने का समझौता किया था, लेकिन उसे लागू नहीं किया। प्रदेशभर में चार हजार सेवानिवृत्त कार्मिकों के करीब 600 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसके नियमित भुगतान के लिए सरकार के पास कोई स्थायी योजना नहीं है। इसके लिए यह कार्मिक आंदोलन कर रहे हैं।