बीकानेर और आस-पास के 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में सेंधा नमक के भंडार
80 प्रतिशत सोडियम कलोराइड की मात्रा होने का भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण में पता चला

दिनेश स्वामी
बीकानेर. बीकानेर क्षेत्र में 24 मिलियन टन के पोटाश के भंडार होने की पुष्टि हो चुकी है। इसी के साथ श्रीगंगानगर-बीकानेर-नागौर बेसिन में 40 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जमीन में 300 से 900 मीटर की गहराई में सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) होने का भी पता चला है।
भूगर्भ में 200 से 400 मीटर गहराई से पोटाश निकालने के लिए जर्मनी और कनाडा की तर्ज पर तरल रूप में खनन की तकनीक अपनाने का निर्णय किया गया है। यह प्रयोग सफल रहता है तो फिर भूगर्भ में 300 से 900 मीटर गहराई में पड़े 6 ट्रिलियन टन हेलाइट (सेंधा नमक) को बाहर निकालने की उम्मीद बंध जाएगी।
भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के अनुसार इस बेसिन में सेंधा नमक पाया गया है। जीएसआइ की रिपोर्ट से पता चला कि पोटाश के साथ इस क्षेत्र में लिथियम और सोडियम भी प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है।
अभी राजस्थान में 10 फीसदी उत्पादन
दुनिया में भारत नमक उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। देश कुल उत्पादन में में गुजरात, तमिलनाडू और राजस्थान 96 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। हालांकि इनमें गुजरात 85, तमिलनाडू 11 और राजस्थान का हिस्सा दस प्रतिशत है। यदि नागौर-बीकानेर बेसिन के 40 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में भूगर्भ में मिले सेंधा नमक (रॉक साल्ट) का खनन शुरू हो जाता है तो राजस्थान देश में प्रमुख नमक उत्पादक राज्य बन सकता है।
4 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य
भारतीय नमक उद्योग ने साल 2020० में घरेलू 2.5 करोड़ टन की आवश्यकता और 1.5 करोड़ टन निर्यात के लिए कुल 4 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया था। परन्तु अभी यह लक्ष्य से काफी दूर है। ऐसे में केन्द्र सरकार भी नई तकनीकों का उपयोग कर देश में नमक उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है। भारत से जापान, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, इंडोनेशिया, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, कतर आदि देशों को नमक भेजा जाता है।
80 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड की मात्रा
प्रदेश के बीकानेर-नागौर क्षेत्र के भूगर्भ में मिले सेंधा नमक में 80 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड की मात्रा है। अभी साधारण नमक की जगह सेंधा नमक को काम में लेने का चलन बढ़ रहा है। पहले केवल व्रत के लिए सेंधा नमक का उपयोग सीमित था। सेंधा नमक में 80 से 85 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड होता है। शेष अन्य 84 प्रकार के तत्व जैसे आयरन, कॉपर, जिंक, मैंगनीज आदि होते हैं। जबकि सामान्य नमक में 97 फीसदी हिस्सा सोडियम क्लोराइड का होता है। शेष तीन फीसदी आयोडीन आदि होता है। सेंधा नमक में अलग से आयोडीन मिलाने की आवश्यकता नहीं होती। किडनी, हाईबीपी समेत कई बीमारियों के मरीजों को साधारण की जगह सेंधा नमक खाना फायदेमंद माना जाता है।
इस पर काम चल रहा
बीकानेर बेसिन के भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण में पोटाश के साथ लिथियम और सोडियम यानि सेंधा नमक भी काफी गहराई में होने का पता चला। पोटाश के बाद सेंधा नमक और लिथियम पर भी काम शुरू किया जाएगा। इस इलाके का भविष्य उज्ज्वल है।
- अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री
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