तीन दिन पहले नगर निगम की साधारण सभा में कर्मचारी-अधिकारियों और पार्षदों के बीच शुरू हुआ विवाद बुधवार को और गहरा गया। महापौर की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की बैठक बुलाने पर आयुक्त ने सवाल खड़ा किया, वहीं इस बैठक में अपने खिलाफ प्रस्ताव पास होने से आशंकित निगम कर्मचारी भी विरोध करने पहुंच गए।
कार्यसमिति सदस्य (पार्षद) और महापौर एक तरफ तथा अधिकारी-कर्मचारी दूसरी तरफ हो गए। काफी देर हंगामा चलने से कार्यसमिति की बैठक नहीं हो पाई। इस दौरान कर्मचारी-पार्षदों में तीखी नोंक-झोंक भी हुई। बाद में आक्रोशित कर्मचारियों ने निगम के कार्यालय व सफाई कार्य के बहिष्कार का निर्णय किया।
कार्यकारी समिति की बैठक सुबह 11.30 बजे होनी थी। समिति सदस्य पार्षद तय समय पर बैठक शुरू होने का इंतजार करते रहे, लेकिन आयुक्त महापौर कक्ष में नहीं आए। इसके बाद पार्षद और महापौर ही आयुक्त के कक्ष में पहुंच गए। इस दौरान बैठक को लेकर कर्मचारियों ने रोष जताया और आयुक्त कक्ष के सामने नारेबाजी की।
आयुक्त कक्ष में कर्मचारी-पार्षदों के बीच नोक-झोंक के दौरान भाजपा पार्षद विनोद धवल की आयुक्त पर आपत्तिजनक टिप्पणी से कर्मचारियों में रोष बढ़ गया। इस पर उपायुक्त ताज मोहम्मद राठौड़ व राष्ट्रदीप यादव सहित कर्मचारी नेताओं ने पार्षद धवल के प्रति नाराजगी जताई। बाद में धवल ने खेद जताया, जिस पर विवाद शांत हुआ।
आयुक्त निकया गोहाएन ने बताया कि निगम की कार्यकारी समिति की 14 फरवरी को बैठक के लिए किसी अधिकारी ने सूचना जारी नहीं की। महापौर की ओर से प्रस्तावित बैठक को लेकर जो स्वच्छता से जुड़े बिन्दु दिए गए हैं, वे कार्यकारी समिति के अन्तर्गत नहीं आते हैं।