‘राजस्थान पत्रिका’ ने ‘सवा दो लाख शिक्षकों का वेतन व एरियर अटका’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद सरकार ने शिक्षकों के लिए वेतन बजट जारी किया। हालांकि 2012 में नियुक्त शिक्षकों को भी एसएसए मद में आने के कारण उनको वेतन के अलावा तीन लाख रुपए प्रति शिक्षक एरियर मिलना था, जिसका भुगतान नहीं हो पा रहा है। ये शिक्षक दीपावली से एरियर का इंतजार कर रहे हैं।
नहीं मिला एरियर
2012 के शिक्षकों को इतना संघर्ष करने के बाद भी एरियर नहीं मिला है, जो सही नहीं है। इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।
श्रवणसिंह, प्रदेश मंत्री, शिक्षक संघ शेखावत मिलना चाहिए
2012 के शिक्षकों को एरियर मिलना चाहिए, जो दीपावली से इंतजार कर रहे है। इससे शिक्षकों को काफी परेशानी हो
रही है।
किशोर पुरोहित, प्रदेश संरक्षक, शिक्षक संघ भगतसिंह
2012 के शिक्षकों को इतना संघर्ष करने के बाद भी एरियर नहीं मिला है, जो सही नहीं है। इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा।
श्रवणसिंह, प्रदेश मंत्री, शिक्षक संघ शेखावत मिलना चाहिए
2012 के शिक्षकों को एरियर मिलना चाहिए, जो दीपावली से इंतजार कर रहे है। इससे शिक्षकों को काफी परेशानी हो
रही है।
किशोर पुरोहित, प्रदेश संरक्षक, शिक्षक संघ भगतसिंह
काम चल रहा है
एसएसए का बजट 454 करोड़ रुपए का बजट आया है। इससे शिक्षकों की नवंबर व दिसंबर की तनख्वाह मिल जाएगी। सारा वेतन शिक्षकों को दे दिया जाएगा। एरियर देने का काम भी चल रहा है।
राजेन्द्र डूडी, वित्तीय सलाहकार, प्रारंभिक शिक्षा
एसएसए का बजट 454 करोड़ रुपए का बजट आया है। इससे शिक्षकों की नवंबर व दिसंबर की तनख्वाह मिल जाएगी। सारा वेतन शिक्षकों को दे दिया जाएगा। एरियर देने का काम भी चल रहा है।
राजेन्द्र डूडी, वित्तीय सलाहकार, प्रारंभिक शिक्षा
निजीकरण के खिलाफ ग्रामीण लामबंद
जिले के सात विद्यालय रायसर, बाना, हाफ ासर, सांईसर, कक्कू, मान्याणा, चाचा नेहरू नोखा के विद्यालयों को राज्य सरकार की ओर से निजी क्षेत्र को सौंपने का विरोध तेज हो गया है। शिक्षा बचाओं संघर्ष समिति के बैनर तले सातों ग्राम पंचायत के सरपंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य एवं गा्रम प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
जिले के सात विद्यालय रायसर, बाना, हाफ ासर, सांईसर, कक्कू, मान्याणा, चाचा नेहरू नोखा के विद्यालयों को राज्य सरकार की ओर से निजी क्षेत्र को सौंपने का विरोध तेज हो गया है। शिक्षा बचाओं संघर्ष समिति के बैनर तले सातों ग्राम पंचायत के सरपंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य एवं गा्रम प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
समिति सदस्य ओमप्रकाश तर्ड ने कहा कि सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो आंदोलन तेज करना होगा। रायसर के पूर्व सरपंच नारायण सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय निजी हाथों में सौंपने से पहले गरीब जनता का ध्यान भी रखना चाहिए। नोखा के एडवोकेट रामनिवास बिश्नोई ने कहा कि आमजन ने विद्यालयों को पूरा भौतिक संसाधन उपलब्ध करवाया है।
नोखा के चाचा नेहरू विद्यालय में वह सारी सुविधाएं उपलब्ध है जो एक निजी विद्यालय में होती है। फिर भी सरकार गांव के गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रायसर के जिला परिषद सदस्य फि रोज कोहरी, विक्रम सिंह, पूर्व सरपंच राजाराम, भंवरलाल नैण, पन्नानाथ, कोडाराम भादू, अशोक सैन, भंवरलाल तर्ड, मोहनराम तर्ड, सरपंच रामधन मेडवाल, उप सरपंच परवेज पंवार, किशोर पुरोहित आदि ग्रामीणों ने भी कलक्टर को मामले की जानकारी दी।