वर्षो बाद भी इस कॉलोनी में सड़क, नाली, प्रकाश आदि मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। कॉलोनी में भूखण्ड प्राप्त करने वालों सहित जनप्रतिनिधियों की ओर से इस कॉलोनी की सुध लेने की मांग ठण्ड़े बस्ते में पड़ी है। प्रत्येक भूखण्ड़धारी इस कॉलोनी में लाखों रुपए खर्च कर अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।
प्रथम चरण में आंवटित किए गए भूखण्ड़ों के क्षेत्रों में सुविधाएं देने में नाकाम रहा नगर निगम प्रशासन चाह कर भी इस योजना के दूसरे चरण की सोच भी नहीं रहा है। वहीं सुविधाओं के अभाव तथा कोई सुध नहीं लेने से अतिक्रमियों की नजर भी इस क्षेत्र पर बनी हुई है।
टैंकरों से मंगवा रहे पानी
किसी भी आवासीय क्षेत्र में पानी और बिजली की सुविधा आवश्यक होती है लेकिन सालमनाथ कॉलोनी इन सुविधाओं को भी तरस रही है। इस कॉलोनी में रह रहे कुछ परिवारों को पीने के लिए पानी जहां टैंकरों के माध्यम से मंगवाना पड़ रहा है वहीं सैल्फ फायनेंस स्कीम के तहत अतिरिक्त राशि का भुगतान कर अपने घरों में बल्ब जलाना पड़ रहा है।
किसी भी आवासीय क्षेत्र में पानी और बिजली की सुविधा आवश्यक होती है लेकिन सालमनाथ कॉलोनी इन सुविधाओं को भी तरस रही है। इस कॉलोनी में रह रहे कुछ परिवारों को पीने के लिए पानी जहां टैंकरों के माध्यम से मंगवाना पड़ रहा है वहीं सैल्फ फायनेंस स्कीम के तहत अतिरिक्त राशि का भुगतान कर अपने घरों में बल्ब जलाना पड़ रहा है।
क्षेत्रवासी शांति देवी के अनुसार रोड लाइट नहीं होने से रात के समय घर में डर लगा रहता है। चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है। पूर्व पार्षद राजकुमारी बैद के अनुसार सुविधाओं के अभाव में जिन्होंने यहां भूखण्ड क्रय कर रखे है वे चाह कर भी यहां कोई निर्माण कार्य नहीं करवा पा रहे है।
157 भूखण्ड की योजना
नगर निगम की ओर से सालमनाथ आवासीय योजना के प्रथम चरण के तहत 157 भूखण्ड़ों के आंवटन की योजना तैयार की गई। इनमें 110 भूखण्ड लॉटरी के माध्यम से और 12 भूखण्ड खुली नीलामी के जरिए विक्रय किए गए।
नगर निगम की ओर से सालमनाथ आवासीय योजना के प्रथम चरण के तहत 157 भूखण्ड़ों के आंवटन की योजना तैयार की गई। इनमें 110 भूखण्ड लॉटरी के माध्यम से और 12 भूखण्ड खुली नीलामी के जरिए विक्रय किए गए।
ऐसे हुई आय
सालमनाथ आवासीय योजना के माध्यम से नगर निगम करीब 3 करोड 92 लाख का राजस्व प्राप्त कर चुका है। जानकारी के अनुसार लॉटरी से विक्रय किए भूखण्ड़ों से करीब 2 करोड 67 लाख 39 हजार रुपए, खुली नीलामी से भूखण्ड विक्रय से 62 लाख 43 हजार सहित फार्म व फार्म के साथ डीडी की आय सहित करीब चार करोड का राजस्व प्राप्त किया है।
सालमनाथ आवासीय योजना के माध्यम से नगर निगम करीब 3 करोड 92 लाख का राजस्व प्राप्त कर चुका है। जानकारी के अनुसार लॉटरी से विक्रय किए भूखण्ड़ों से करीब 2 करोड 67 लाख 39 हजार रुपए, खुली नीलामी से भूखण्ड विक्रय से 62 लाख 43 हजार सहित फार्म व फार्म के साथ डीडी की आय सहित करीब चार करोड का राजस्व प्राप्त किया है।
कोई सुविधा नहीं
सालमनाथ आवासीय योजना में कोई सुविधा नहीं है। मूलभूत सुविधाएं पानी, बिजली, सड़क की सुविधा निगम उपलब्ध नहीं करवा पाया है। महापौर को लिखित में इस कॉलोनी की सुध लेने की मांग किए जाने के बाद भी कोई गौर नहीं हो रहा है।
हजारीमल देवड़ा, पार्षद
सालमनाथ आवासीय योजना में कोई सुविधा नहीं है। मूलभूत सुविधाएं पानी, बिजली, सड़क की सुविधा निगम उपलब्ध नहीं करवा पाया है। महापौर को लिखित में इस कॉलोनी की सुध लेने की मांग किए जाने के बाद भी कोई गौर नहीं हो रहा है।
हजारीमल देवड़ा, पार्षद
नहीं हो रही सुनवाई
सालमनाथ योजना को लेकर प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है। महापौर, अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार के स्तर तक लगाई जा चुकी गुहार के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। कॉलोनी में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पानी-बिजली को तरस रहे हैं।
हनुमान सिंह बिश्नोई, क्षेत्रवासी
सालमनाथ योजना को लेकर प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है। महापौर, अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार के स्तर तक लगाई जा चुकी गुहार के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। कॉलोनी में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी पानी-बिजली को तरस रहे हैं।
हनुमान सिंह बिश्नोई, क्षेत्रवासी
सुविधाओं के लिए प्रयास
सालमनाथ आवासीय योजना में मूलभूत सुविधाओं की जरुरत है। नगर निगम इसके लिए प्रयासरत है। वर्तमान योजना क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बाद ही शेष भूखण्ड़ो का विक्रय करने की मंशा है।
नारायण चोपड़ा, महापौर।
सालमनाथ आवासीय योजना में मूलभूत सुविधाओं की जरुरत है। नगर निगम इसके लिए प्रयासरत है। वर्तमान योजना क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बाद ही शेष भूखण्ड़ो का विक्रय करने की मंशा है।
नारायण चोपड़ा, महापौर।