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शंभु बैठे हैं विशाला,शीश गंगधारा, ओढ़े मृगछाला

locationबीकानेरPublished: Aug 08, 2022 11:34:35 pm

Submitted by:

Atul Acharya

सावन का चौथा सोमवार – घरों व मंदिरों में दिन भर पूजन, अर्चन और अभिषेक का दौर
मंदिरों में मंत्रों और जयकारों की रही गूंज

शंभु बैठे हैं विशाला,शीश गंगधारा, ओढ़े मृगछाला

शंभु बैठे हैं विशाला,शीश गंगधारा, ओढ़े मृगछाला

शीश गंग अर्द्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी, ऊं जय शिव ओंकारा और जय शिव शंकर सरीखी स्तुतियों और जयकारों की गूंज शिवालयों में रही। सावन के चौथे सोमवार पर शिव मंदिरों में अलसुबह से शुरू हुआ पूजन, अर्चन और अभिषेक का क्रम देर रात तक जारी रहा। शंख ध्वनि, झालर की झंकार और घंटियों की टंकार के बीच महादेव के रुद्राभिषेक का दौर चलता रहा। घरों और मंदिरों में रुद्राष्टध्यायी पाठ के वेद मंत्रों की गूंज रही। दिनभर मंदिर परिसर हर-हर महादेव, बम-बम भोले के जयकारों से गूंजते रहे। शिवभक्तों ने अपने इष्टदेव की प्रसन्नता के लिए जल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, विजया, ईख रस आदि द्रव्यों से महादेव का अभिषेक किया। विविध पूजन सामग्री से पूजन कर भस्म, आक, धतूरा और पुष्पों से भोलेनाथ का श्रृंगार किया। मंदिरों में भजन, कीर्तन और भक्ति संगीत के आयोजन हुए। कई शिवालयों में महाप्रसाद का आयोजन हुआ।
शिवालयों में उमड़े श्रद्धालुसावन के सोमवार पर शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किए। सुबह से शुरू हुआ क्रम रात तक चलता रहा। कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कतारों में लगकर महादेव के दर्शन किए। मंदिरों के बाहर मेले सा माहौल रहा। मंदिर समितियों के साथ सेवाभावी श्रद्धालु व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने में जुटे रहे।
अनुष्ठान स्थलों पर विशेष पूजन

सावन के पहले दिन से शहर के विभिन्न शिवालय परिसरों में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण और पूजन अनुष्ठान का क्रम चल रहा है। सोमवार पर पार्थिव शिवलिंगों का विशेष पूजन, अर्चन और अभिषेक कर महाआरती की गई। अनुष्ठान की पूर्णाहुति पर पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन पवित्र नदी या सरोवरों में किया जाएगा।
सुबह से रात तक चला दौरसावन के सोमवार पर शिवबाड़ी लालेश्वर महादेव, सागर िस्थत डूंगरेश्वर, नीलकंठ महादेव, गौरी शंकर महादेव, हनुमान हत्था िस्थत बारह महादेव, सूरसागर के पास शिखरबंद महादेव, कोटेश्वर महादेव, निगम कार्यलय के सामने ऊंकारेश्वर महादेव, श्रीरामसर रोड िस्थत धरणीधर महादेव, महानंद महादेव, अमरेश्वर महादेव, हरोलाई हनुमान मंदिर के पास िस्थत आत्मेश्वर महादेव, नत्थूसर गेट के बाहर जोशी बगीची िस्थत महादेव, ओझा बगीची िस्थत गज गंगेश्वर महादेव, करमीसर रोड काशी विश्वनाथ महादेव, मां सच्चियाय ओसिया मंदिर िस्थत महादेव, रंगोलाई महादेव, विवेक नाथ बगीची िस्थत बनेश्वर महादेव व नवलेश्वर महादेव, ब्रह्म बगीचा िस्थत मुक्तिनाथ महादेव, ब्रह्म सागर िस्थत मार्कण्डेश्वर महादेव, बारह गुवाड िस्थत जबरेश्वर महादेव, भट्ठड़ो का चौक िस्थत अचलेश्वर महादेव, मरुनायक चौक िस्थत नाटेश्वर महादेव, व्यास पार्क के पास िस्थत जरेश्वर महादेव व पतालेश्वर महादेव, किराडू बगीची िस्थत महादेव सहित शहर के सभी शिवालयों में अभिषेक-पूजन और दर्शन का क्रम चला।
31 किलोग्राम शहद से अभिषेक

करमीसर रोड िस्थत काशी विश्वनाथ महादेव का 31 किलोग्राम शहद से रुद्राभिषेक किया गया। कन्नू मंडल की ओर से विश्व कल्याण की कामना को लेकर रुद्राष्टध्यायी पाठ के मंत्रोच्चारण के बीच महादेव का अभिषेक किया गया। कन्हैया लाल रंगा के सानिध्य में हुए अभिषेक में अशोक पुरोहित, बृजु पुरोहित, के के छंगाणी, सागरसा, इन्दु जोशी, किशन स्वामी व अन्य शिवभक्तों ने अभिषेक पूजन किया। पंडित लक्ष्मीकांत छंगाणी ने पूजन, अर्चन और अभिषेक सम्पन्न करवाया।
कतारों में लगकर किए लालेश्वर महादेव के दर्शन

सावन के चौथे व अंतिम सोमवार पर शिवबाड़ी िस्थत श्री लालेश्वर महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महादेव के दर्शन किए। लालेश्वर महादेव शिवमठ शिवबाड़ी अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानन्द गिरि के सानिध्य में महादेव की पूजा-अर्चना की गई। महोत्सव आयोजन समिति के कन्हैया लाल पंवार के अनुसार एकादशी पर गीता का सम्पूर्ण पाठ भी हुआ। घनश्याम स्वामी के सानिध्य में शिवबाड़ी प्रांगण िस्थत डूंगरेश्वर महादेव मंदिर में पंडित विमल कुमार ओझा के आचार्यत्व में अभिषेक सम्पन्न हुआ। राजीव मित्तल एवं ओम कुबेरा की ओर से मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों के लिए रक्षा सूत्र बंधन का कार्यक्रम रखा गया।
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