देवीकुण्ड सागर स्थित छह नया मंदिर परिसर में स्थित गौरी शंकर महादेव मंदिर में 25 शिवलिंग स्थापित है, जिनकी सावन सहित महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत पर विशेष पूजन होता है। निज मंदिर में दो स्थानों पर 12-12 शिवलिंग और एक मुख्य शिवलिंग सहित 25 शिवलिंग स्थापित है। शिवभक्तों में इन शिवलिंगों को लेकर विशेष आस्था और श्रद्धा है। देवीकुण्ड सागर स्थित एक और शिवालय है जिसमें भी 25 शिवलिंग स्थापित है।
द्वादश ज्योर्तिलिंग, दो पार्वती
मंदिर पुजारी रमेश सेवग बताते है कि ये द्वादश ज्योर्तिलिंग है। जो देा स्थानों पर है। शिवभक्त एक ही स्थान पर इन द्वादश ज्योर्तिलिंग का अभिषेक-पूजन करते है। यहां अवसर विशेष सहित सामान्य दिनों में भी अभिषेक-पूजन का दौर चलता रहता है। पुजारी के अनुसार यहां निज मंदिर में दो पार्वती भी है। एक मुख्य शिवलिंग के पीछे स्थित है। जो चतुर्भुज है। जिसके हाथों में शिवलिंग, गणेश, कमण्डल और माला है। दूसरी पार्वती की प्रतिमा भगवान शंकर की प्रतिमा के साथ है।
139 वर्ष पुराना है मंदिर
देवीकुण्ड सागर स्थित छह नया मंदिर परिसर स्थित गौरी शंकर महादेव मंदिर 139 साल पुराना है। बताया जा रहा है कि इस मंदिर का पुराना नाम श्री गुलाबेश्वर महेश्वर मंदिर है। डॉ. राजेन्द्र व्यास की पुस्तक बीकानेर के एेतिहासिक शिलालेख में श्री गुलाबेश्वर महेश्वर मंदिर पर स्थित शिलालेख की जानकारी को प्रकाशित करते हुए बताया है कि विक्रम संवत 1939 आसाढ़ शुक्ला 3 को बीकानेर महाराजा डूंगरसिंह ने अपने भाई गुलाब सिंह की स्मृति में गुलाबेश्वर महेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया।