scriptराशन कार्ड से फर्जी आधार नम्बर लिंक कर उठाया राशन | scam in ration distribution | Patrika News

राशन कार्ड से फर्जी आधार नम्बर लिंक कर उठाया राशन

locationबीकानेरPublished: Oct 10, 2017 10:34:49 am

उचित मूल्य दुकानदारों की कारस्तानी, करोड़ों रुपए का निकल सकता है राशन घोटाला, सरकारी नुमाइन्दों को भी नहीं छोड़ा

scam in ration distribution
उचित मूल्य दुकानदारों ने आम लोगों के साथ सरकारी नुमाइन्दों को भी अपने फर्जीवाड़े का शिकार बना डाला। उन्हांेने सरकारी मुलाजिमों के राशनकार्ड में सेंधमारी कर उनसे फर्जी आधार कार्ड नम्बर लिंक कर राशन उठा लिया। दुकानदारों द्वारा रसद विभाग के निरीक्षकों, नगर विकास न्यास के कार्मिकों के साथ कलक्ट्रेट के कर्मचारियों के राशन कार्डों में भी गड़बड़ी करने की बातें निकल कर आ रही हैं। जयपुर मुख्यालय की ओर से गठित जांच कमेटी को कुछ एेसे प्रमाण अपनी जांच में मिले हैं।
अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे अब जयपुर मुख्यालय के आला अधिकारियों को सौंपा जाएगा। घोटालों का पर्दाफाश होने के बाद अब रसद विभाग के अधिकारियों के साथ उचित मूल्य दुकानदारों के भी हाथ-पैर फूले हुए हैं। सूत्रों की मानें तो दुकानदार अब इस मामले से प्रशासन का ध्यान भटकाने के लिए एक साथ इस्तीफे देने की रणनीति बनाने मेंं जुटे हैं। बताया जाता है इस गिरोह में शामिल तथाकथित दलालों ने करीब १५० उचित मूल्य दुकानदारों को इस बात के लिए सहमत भी कर लिया है।
गड़बड़ी के बावजूद हुआ आवंटन
जांच अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने वाले उचित मूल्य दुकानदारों के खातों में राशन का आवंटन करने का मामला भी प्रकाश में आया है। हालांकि यह प्रक्रिया जयपुर मुख्यालय से हुई है, लेकिन अभी तक अधिकतर उचित मूल्य दुकानदारों ने राशन का उठाव नहीं किया है।
गांवों में शहर से ज्यादा गड़बडि़यां
सूत्रों की मानें तो शहरी क्षेत्र से कई गुणा अधिक घोटाले गांवों में हुए हैं। जहां मांग की एवज में हजारों क्विंटल गेहूं का आवंटन किया गया है। गड़बडि़यां उजागर होने के बाद कुछ उचित मूल्य दुकानदारों ने तो बाजार से चीनी और गेहूं की खरीद कर राशन बांटना भी शुरू कर दिया है। इस प्रकार के नाममात्र उचित मूल्य दुकानदार हैं, लेकिन जिनके पास अभी भी स्टॉक में हजारों क्विंटल राशन का स्टॉक पड़ा बताया जा रहा है, उनकी मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ गई है।

जांच टीम हुई रवाना
जयपुर मुख्यालय के निर्देश पर नौ अधिकारियों की तीनों टीमें अपने-अपने जिलों की ओर सोमवार को निकल गई। जांच अधिकारियों ने अपनी जांच को गोपनीय रखा है, जिसे मंगलवार को जयपुर मुख्यालय के आला अधिकारियों को सौंपी जाएगी। बताया जाता है कि जांच अधिकारियों ने करोड़ों रुपए के घोटाले उजागर होने की आशंका व्यक्त करते हुए बीकानेर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदारों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने और उनके लाइसेंस निलंबित करने की अनुशंसा की है।
राजस्थान पत्रिका ने उठाया मामला
जांच टीम के सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में यहां राशन वितरण प्रणाली में करोड़ों रुपए के घोटाले होने की आशंका है। हालांकि फिलहाल किसी भी अधिकारी ने इस संबंध में अधिकारित पुष्टि करने से इनकार किया है। सूत्रों की मानें तो उचित मूल्य दुकानदारों ने बीकानेर के ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी मुलाजिमों के आधार कार्ड को फर्जी राशन कार्डों से लिंक कर राशन उठा लिया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने सबसे पहले वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी की खबरें प्रकाशित कर राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो