scriptनक्शे में स्कूल और पार्क, अब बन गए मकान | Schools and parks in the map, now became houses | Patrika News

नक्शे में स्कूल और पार्क, अब बन गए मकान

locationनई दिल्लीPublished: Jun 18, 2017 10:50:00 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

मास्टर प्लान की पालना को लेकर हाईकोर्ट सख्त रूख अपनाए हुए है। इसके बावजूद जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

master plan

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मास्टर प्लान की पालना को लेकर हाईकोर्ट सख्त रूख अपनाए हुए है। इसके बावजूद जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। लोग शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन फिर भी शहर में मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ रही है। 
यूआईटी व नगर निगम के अधिकारियों का टालमटोल का रवैया सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। एकल राजशाही पट्टा पर बसी सुदर्शना नगर, गांधी कॉलोनी, वल्लभ गार्डन, मदन विहार कॉलोनी में मास्टर प्लान की अनदेखी हो रही है। 
यहां कॉलोनाइजर ने कॉलोनियों के नक्शे बनाकर भूखंड तो बेच दिए, मगर नगर निगम में सब डिवीजन करने का चार्ज तक जमा नहीं कराया।

 इतना ही नहीं कुछ कॉलोनाइजर ने तो कॉलोनी काटते समय नक्शे में जहां स्कूल, सार्वजनिक पार्क, सामुदायिक भवन आदि के लिए खाली भूमि छोड़ी थी। उस भूमि पर भूखंड तक काटकर बेच दिए हैं। 
कुछ स्थानों पर तो इन भूखंडों पर मकान तक बन गए हैं। कॉलोनियों की मुख्य सड़कों पर 8-10 फुट तक कब्जे हो रहे हैं। आवासीय क्षेत्र में बिना भू-परिवर्तन कराए व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं, मगर किसी को कोई कहने-सुनने वाला नहीं है। 
भूखण्ड काटकर बेच दिए

सुदर्शना नगर के सेक्टर बी ब्लॉक में नक्शे में जहां स्कूल और पार्क के लिए भूमि छोड़ी गई थी। वहां कॉलोनाइजर ने भूखंड काटकर बेच दिए। 

इतना ही दो-तीन भूखंड पर तो मकान तक बन गए हैं। वहीं सेक्टर बी-5 और बी-6 के बीच छोड़े गए करीब आठ पार्कों की जमीन पर भूखंड काट दिए गए हैं। कहीं पार्कों की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं।
नाले के पास बन गए मकान

नागेणची मंदिर के पास से पंपिग स्टेशन की ओर जाने वाले शहर के मुख्य नाले के पास छोड़ी गई जमीन पर भी भूखंड काटकर बेच दिए गए हैं। वहां दर्जनों मकान तक बन गए हैं। 
पहले यह नाला कच्चा था तो लंबा-चौड़ा हुआ करता था, लेकिन, मकान बनने के बाद यह संकरा हो गया है। इस नाले से शहर का गंदा पानी बाहर निकलता है।

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