भोलेनाथ का आक, धतूरा, पुष्प, भस्म आदि से श्रृंगार किया गया। चंदन, केशर, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, प्रसाद, रोली, जनेऊ, श्रीफल, ऋतुफल आदि सामग्री से पूजन किया गया। कई मंदिरों में भजन, कीर्तन और स्तुती गान हुआ। सोमवार पर कई शिवालयों को रंग बिरंगी रोशनियों से सजाया गया। महाप्रसाद का आयोजन हुआ।
घर-घर में अभिषेक-पूजन
शिवालयों के साथ घर-घर में महादेव का अभिषेक-पूजन किया गया। घर-परिवार के सदस्यों ने सामूहिक रूप से शंकर का रूद्राभिषेक किया। पूजन कर महाआरती की गई। सावन के पहले सोमवार से व्रत-अनुष्ठान कर रहे शिवभक्तों ने इष्टदेव भोलेनाथ की प्रसन्नता के लिए अभिषेक-पूजन किए। वहीं सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन – अनुष्ठान स्थलों पर महादेव का विशेष अभिषेक-पूजन किया गया।
मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु
शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने और दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। कई मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी। रूद्राभिषेक के लिए भी इंतजार करना पड़ा। बड़ी संख्या में महिलाओं ने महादेव दर्शन-पूजन किए। कई मंदिरों में शाम से रात तक श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ रही। मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की गई।
दूध-घी से अभिषेक, बर्फ से बनाया शिवलिंग
अमरसिंहपुरा स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में बर्फ का शिवलिंग बनाया गया। राजवी श्याम सिंह के अनुसार महादेव का अभिषेक, पूजन कर महाआरती की गई। गोकुल सर्कल स्थित शिवशक्ति साधना में महादेव का दही से अभिषेक किया गया। मदन गोपाल व्यास के अनुसार महादेव का विशेष श्रृंगार किया गया। संदीप किराडू, बसंत किराडृ, प्रहलाद, शंकर, कैलाश आदि शिवभक्त उपस्थित थे। करमीसर रोड स्थित द्रोण महादेव मंदिर में महादेव का दूध से अभिषेक किया गया। दिनेश रामावत के अनुसार महादेव का अभिषेक कर कोरोना महामारी से छुटकारा दिलवाने की कामना की गई। नत्थूसर गेट के बाहर ओझा बगीची स्थित गज गंगेश्वर महादेव का पंडित नमामी शंकर ओझा के सानिध्य में रूद्राभिषेक किया गया। करमीसर रोड स्थित काशी विश्वनाथ महादेव का कन्नू मंडल की ओर से रूद्राभिषेक कर पूजन किया गया। कन्हैया लाल रंगा के नेतृत्व में अशोक पुरोहित, के के छंगाणी, बृज रतन पुरोहित, ईन्दु जोशी आदि ने अभिषेक किया।