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सिरे नहीं चढ़ रही स्वरोजगार ऋण योजना, आवेदकों को नहीं मिल पा रहा ऋण

locationबीकानेरPublished: Nov 01, 2017 09:35:24 am

शहरी गरीबों का सपना नहीं साकार, बैंकों व निगम के बीच चक्कर काटने को मजबूर, बैंक अफसरों पर लगा टालने का आरोप

Self employment loan scheme
शहरी गरीबों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शुरू की गई स्वरोजगार ऋण योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। नगर निगम में आवेदन करने व टास्क फोर्स कमेटी से ऋण स्वीकृत होने के बाद भी आवेदक ऋण के लिए बैंकों व निगम के बीच चक्कर लगा रहे है।
बैंकों की ओर से आरबीआई के निर्धारित अवधि में ऋण दिए जाने के निर्देश की पालना नहीं हो रही है, जिससे इस योजना से शहरी गरीबों के स्वरोजगार से जुडऩे की आशाएं पूरी नहीं हो पा रही है। बैंकों के ऋण देने में देरी से लोगों का इस योजना से विश्वास उठता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार टास्क फोर्स कमेटी ने अगस्त और सितम्बर में 751 आवेदकों का चयन स्वरोजगार ऋण के लिए किया था, लेकिन निगम के पास 12 को ऋण दिए जाने की ही जानकारी है। वहीं वर्ष-2015 से जुलाई-2017 तक नगर निगम ने विभिन्न बैंकों में स्वरोजगार ऋण के लिए 1364 आवेदन भेजे थे,
उनमें से बैंकों ने 451 आवेदकों के ही ऋण स्वीकृत किए और 440 आवेदन अस्वीकृत कर दिए। शेष 473 आवेदकों को ऋण मिला या नहीं, इसकी जानकारी निगम के पास भी नहीं है।

निगम अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
योजना के तहत आवेदन करने वाले लोगों के अनुसार बैंक अधिकारी ऋण देने में टालमटोल कर रहे हैं, ताकि आवेदक बैंक आना बंद कर दे। टास्क फोर्स कमेटी से चयनित होने के बाद भी ऋण के लिए बैंक और निगम के बीच चक्कर लगाने पड़ रहे है। निगम अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शीघ्र पूरी जानकारी

योजना के तहत स्वरोजगार ऋण उपलब्ध करवाना बैंकों की प्राथमिकता होनी चाहिए।कहां देरी हो रही है, इसकी जानकारी ली जाएगी। टास्क फोर्स कमेटी से प्राप्त प्रत्येक आवेदन की ब्रांच स्तर पर गहराई से जांच होती है। बैंक अधिकारी प्रोजेक्ट पर संतुष्ट होने के बाद ही ऋण स्वीकृत, अस्वीकृत करते हैं। मैंने हाल ही यहां कार्य ग्रहण किया है। शीघ्र पूरी जानकारी ली जाएगी।
मुकेश दीक्षित, लीड बैंक मैनेजर

गरीब स्वरोजगार से जुड़ें

योजना के माध्यम से अधिकाधिक शहरी गरीब स्वरोजगार से जुड़ें, निगम का यही प्रयास है। टास्क फोर्स कमेटी के माध्यम से भिजवाए जाने वाले आवेदनों को स्वीकृत या अस्वीकृत करना बैंकों का क्षेत्राधिकार है। समय-समय पर होने वाली बैठकों में आवेदकों की भावनाओं को बैंक अधिकारियों के समक्ष रखा जाता है।
निकया गोहाएन, आयुक्त, नगर निगम बीकानेर
यह है योजना
दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के स्वरोजगार ऋण घटक के माध्यम से शहरी गरीबों को बैंकों के माध्यम से दो लाख रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है, ताकि वे स्वयं का स्वरोजगार स्थापित कर सके।
तीन लाख से कम सालाना आय और 18 से 50 वर्ष तक आयु के लोग इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। प्राप्त आवेदनों की जांच व साक्षात्कार टास्क फोर्स कमेटी के माध्यम से होता है, जो योग्य आवेदकों का ऋण के लिए चयन करती है और विभिन्न बैंकों में आवेदन भेजे जाते हैं। बैंक स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध करवाते हैं।
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