बीकानेर

चूरू से मरीजों को बीकानेर भेजना अनुचित, कोई पक्षधर नहीं

जागरूक लोगों ने दबी जुबान दर्ज कराया विरोध

बीकानेरApr 03, 2020 / 10:38 am

Jai Prakash Gahlot

चूरू से मरीजों को बीकानेर भेजना अनुचित, कोई पक्षधर नहीं

बीकानेर। पड़ोसी जिले चूरू के सात कोरोना पॉजीटिव मरीजों को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल भेजने पर बीकानेर के चिकित्सकीय पेशे से जुड़े लोगों औ जागरूक नागरिकों ने विरोध दर्ज कराया है। सरकार ने कोरोना मरीजों का उपचार केवल मेडिकल कॉलेजों में करने का निर्णय लिया था। चूरू में मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद बीकानेर मरीजों को भेजना आमलोगों के साथ कई समाजसेवियों व चिकित्सकीय पेशे से जुड़े लोगों को अखर रहा है।
जागरूक लोगों कहना है कि बीकानेर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग दिन-रात जी-तोड़ मेहनत कर अब तक बीकानेर को कोरोना जैसे खतरे से बचा रखा है लेकिन अब सरकार की मंशा क्या है, समझ से परे हैं। वहीं चिकित्सकीय पेशे से जुड़े लोगों ने कोरोना मरीजों को यहां भेजने के पीछे साइंटिफिक तर्क भी दिया है। उनका कहना है कि बीकानेर में प्रदेश का एक मात्र कैंसर रिजनल सेंटर हैं, यहां कैंसर के मरीज पहुंचते हैं। कैंसर के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। कैंसर को कीमो व रेडियोथैरेपी दी जाती है। ऐसे में इन लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमण होने की खतरा ज्यादा रहेगा।

बीकानेर में व्यवस्थाओं पर नजर
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में कोरोना के लिए सरकार के निर्देश पर पीबीएम के मर्दाना ब्लॉक के ११ वार्डों को कोरोना के लिए आरक्षित कर दिया है। डी वार्ड को आईसीयू बनाया गया है। वहीं सुपरस्पेशलयिटी सेंटर को भी कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखा है। माहेश्वरी धर्मशाला को क्वारेंटाइन आइसोलेशन वार्ड एवं वीरादेवी धर्मशाला को भी पीबीएम प्रशासन ने अपने अधीन ले लिया है। सरकार ने एक हजार बैड की व्यवस्था करने के निर्देश दे रहे हैं। मास्क, सेनेटाइजर, हैंड ग्लव्ज, पीपीई किट, आई प्रोटेक्टि चश्में, फेस प्रोटेक्टिव मास्क सहित अन्य जरूरी सामान की पर्याप्त व्यवस्था कर ली है।

सुविधा न यहां और ना वहांं
इस बारे में कई चिकित्सकों ने दबी जुबान में कहा कि सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर सकते। इलाज तो होगा लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर यहां भी कुछ खास बंदोबश्त नहीं है। मरीजों का आइसोलेट कर उपचार चूरू में भी दिया जा सकता था। चूरू जयपुर के नजदीक है। साथ ही चूरू के नजदीकी झुंझुनूं, सीकर के मरीज वहां रखे जा सकते थे।

चूरू के मरीजों को वहां के मेडिकल कॉलेज में रखना चाहिए थे, इन्हें यहां भेजकर बीकानेर वासियों के धैर्य का फायदा उठाया जा रहा है। हम नहीं चाहते कि इनका इलाज न हो लेकिन इन लोगों के कारण बीकानेर में कोई आंच नहीं आनी चाहिए। बीकानेर चिकित्सकों पर पूरा भरोसा है, वे इस संकट से भी पार पा लेंगे।
श्यामसिंह हाड़लां, भाजपा नेता

अब बीकानेर की रखवाली करणी मां ही करेंगी। आज तक जब कभी भी विपदा आई है, मां करणी ने सबको बचाया है। चूरू से आए सात लोग यहां जल्द ठीक होंगे और बीकानेर में कोई पॉजीटिव नहीं आएगा। यह चमत्कार मां ही करेंगे। इससे पहले भी कई विपदा आई लेकिन बीकानेर हमेशा सुरक्षित रहा।
अनिता, समाजसेविका

सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में ही इलाज करने का आदेश जारी कर रखा है। बीकानेर हैडक्वार्टर होने के नाते चुनाव किया गया है। यहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। चिकित्सकों व नर्सिंग कार्मिकों को पीपीई किट उपलब्ध कराई गई है। यहां डी वार्ड में सभी सातों में मरीजों की हालत स्थिर है। मरीजों का सुबह, दोपहर व शाम तीन समय जांच कर रहे हैं। पूरी निगरानी रखी हुई है।
डॉ. पीके बैरवाल, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल
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