रविवार को कारापाल अल्लादीन खां, कार्यवाहक मुख्य प्रहरी सुरेश कुमार, पुर्वी रिलीफ इंचार्ज हितेश मीणा, मुख्य प्रहरी व ड्यूटी प्रहरी श्यामसुंदर आदि ने कारागार के वार्ड तीन की सघन तलाशी ली। इस दौरान वार्ड नंबर तीन के बैरिक नंबर दस में निरुद्ध बंदी झुंझुनूं जिले में पिलानी के धीधवा निवासी शेरसिंह पुत्र रामस्वरूप जाट की पेंट की जेब से कीपैड वाला मोबाइल बरामद हुआ। वहीं बैरक के फर्श में गड्ढ़ा खोदकर दबा कर रखा एक और मोबाइल मिला। टीम ने दोनों मोबाइल मय सिम कार्ड व बैट्रियों के जब्त कर लिए।
गौरतलब है कि शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान वार्ड नंबर ११ की बैरक ४३ व ४४ के पीछे एनएलजेडी मशीन से तलाशी ली गई, जिसमें दो मोबाइल मय बैट्री जमीन दबे मिले। सुरक्षा प्रहरियों ने दोनों मोबाइल जब्त कर लिए। शनिवार को वार्ड नंबर एक की बैरिक संख्या चार में से तीन मोबाइल और दो सिम बरामद हुई।
कभी भी हो सकती हैं बड़ी वारदात बीकानेर जेल प्रदेश ही नहीं देशभर चर्चित है। जेल में हार्डकोर अपराधी आनंदपालसिंह व अन्य खुंखार अपराधियों के बीच गैंगवार हो चुकी है, जिसमें तीन बंदी बलवीर बानूड़ा, जयप्रकाश और रामपाल की मौत हो चुकी थी। वहीं एक मानसिक रोगी कैदी ने दो बंदियों को पत्थरों से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं जेल में बंद बंदियों द्वारा हत्या, क्रिकेट सट्टा एवं फिरौती मांगने के मामले भी सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद जेल में सुरक्षा व्यवस्था काफी लचर है। वर्तमान हालातों के अनुसार जेल प्रशासन और सरकार किसी बड़ी वारदात के इंतजार में है। इसके बाद ही जेल में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हो पाएगा।
पुलिस को सौंपी बंदियों की सूची
जेल अधीक्षक परमजीतसिंह सिद्धु ने बताया जेल की जिन बैरिकों में मोबाइल मिले हैं, उन बैरिकों में रहने वाले सभी बंदियों की सूची पुलिस को सौंपी गई है। जेल में बंदियों के पास मोबाइल मिलने के संबंध में राज्य सरकार व जेल प्रशासन को अवगत करवाया गया है। वहीं बीछवाल एसएचओ मनोज शर्मा का कहना है कि जेल में मिले मोबाइलों मोबाइल से किन-किन नंबरों पर बात की गई इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
ये हैं बड़े सवाल
जेल में जैमर लगे हैं लेकिन बंदियों के मोबाइल चालू?
त्रिस्तिरीय सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी बंदियों के पास मोबाइल पहुंच रहे हैं? जेल कर्मचारियों और बंदियों की मिलीभगत का खेल है?जेल प्रशासन और सरकार सख्त कदम क्यों नहीं उठाती ?