scriptशारदे बालिका छात्रावास अब कहलाएगा केजीबीवी | Sharde Balika hostel will now be called KGBV | Patrika News

शारदे बालिका छात्रावास अब कहलाएगा केजीबीवी

locationबीकानेरPublished: Mar 24, 2019 11:34:37 am

Submitted by:

Nikhil swami

प्रदेश में बालिका शिक्षा उन्नयन के लिए संचालित शारदे बालिका छात्रावास अब कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) कहलाएंगे। विभाग की ओर से कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय एवं शारदे बालिका विद्यालय का एकीकरण कर अब नाम आवासीय विद्यालय कर दिया गया है।

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बीकानेर. प्रदेश में बालिका शिक्षा उन्नयन के लिए संचालित शारदे बालिका छात्रावास अब कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) कहलाएंगे। विभाग की ओर से कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय एवं शारदे बालिका विद्यालय का एकीकरण कर अब नाम आवासीय विद्यालय कर दिया गया है।
ये आवासीय विद्यालय अब प्रदेश में एकीकृत केजीबीवी योजना के तहत अलग-अलग कक्षा एवं श्रेणी के अनुसार संचालित होंगे। ये एकीकरण समसा के माध्यम से किया गया है। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक शिवांगी स्वर्णकार ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयकों को आदेश जारी किया है।
प्रदेश में २००४ से कक्षा छह से आठ तक की बालिकाओं के लिए सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से केजीबीवी तथा वर्ष २००९-१० से माध्यमिक शिक्षा अभियान के माध्यम से कक्षा नौ से १२वीं तक की छात्राओं के लिए शारदे बालिका छात्रावास संचालित हो रहे थे। लेकिन अब प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान व्यवस्था कर यहां अध्ययनरत बालिकाओं के हिसाब से उन्हें टाइप वन, थ्री एवं फोर में बांटा गया है। बीकानेर जिले में दस शारदे बालिका छात्रावास कार्यरत है।

क्षमता भी बढ़ाई
केजीबीवी को अलग-अलग श्रेणियों में बांट कर विभाग ने बालिकाओं को प्रवेश की क्षमता में भी वृद्धि की है। जिन छात्रावासों में पूर्व में ५० बालिकाओं को प्रवेश की क्षमता थी, उनमें अब१०० बालिकाओं तथा कई छात्रावासों में अब २०० बालिकाओं को प्रवेश देने की व्यवस्था हो गई है। अतिरिक्त प्रवेश क्षमता बढ़ाने के साथ ही प्रवेश संबंधित औपचारिकताएं पूर्ण करने तथा अतिरिक्त कक्ष, शौचालय आदि के बंदोबस्त करने के भी निर्देश दे दिए है।

इनका कहना है
&शारदे बालिका छात्रावास की जगह अब केजीबीवी कहलाएगा। इससे बालिकाओं को एक ही तरह की सुविधाएं मिल सकेंगी। यहां बालिकाओं को खाना, रहना आदि सभी तरह की सुविधाएं मिलेगी।
राजकुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समसा
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