कांग्रेस में जहां टिकट बंटवारे की बागड़ोर केबिनेट मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के हाथ रही, वहीं भाजपा में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने मोर्चा संभाला। यह बात अलग है कि दोनों पार्टियों में टिकट बंटवारे के बाद नाराज उम्मीदवारों ने बागी के तौर पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रखी है।
भाजपा में भी गुटबाजी
निकाय चुनाव में गुटबाजी से भाजपा भी अछूती नहीं रही है। टिकट वितरण केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य तथा महामंत्री मोहन सुराणा की अगुवाई में हुआ।
भाजपा के पूर्व नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका व पूर्व विधायक डॉ. गोपाल जोशी की राय को टिकट वितरण में महत्व नहीं मिलना भी चर्चा में है।
इसके चलते तवज्जो नहीं मिलने वाले नेता अब चुपी साधे बैठे हैं। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया १३ नवम्बर को आ रहे हैं। इस दौरान बागी होकर चुनाव लडऩे वालों और उनकी मदद करने वाले भाजपा पदाधिकारियों की सूची भी पूनिया के समक्ष रखी जाएगी।
नेताओं की चुप्पी का कारण
राजनीतिक गलियारों में इन दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं की चुप्पी चर्चा का विषय बनी हुई है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष व बीकानेर की सह प्रभारी रेहाना रियाज काफी सक्रिय रही थी। अब निकाय चुनाव में तवज्जो नहीं मिलने के चलते चुप्पी साध ली है।
शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत, पीसीसी सदस्य मकसूद अहमद, कांग्रेस नेता गोपाल गहलोत को भी तवज्जो नहीं मिलना चर्चा में है। टिकट बंटवारे में केबिनेट मंत्री डॉ. कल्ला, भरतराम मेघवाल, लोकसभा प्रत्याशी रहे मदन गोपाल मेघवाल, प्रदेश सचिव जिया उर रहमान, राजकुमार किराडू, कांग्रेस नेता राजू व्यास तथा नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार व नारायण झंवर के इर्द-गिर्द ही घटनाक्रम घूमता रहा। जिन नेताओं को तवज्जो नहीं मिली, वे फिलहाल निकाय चुनाव में कम ही सक्रिय हैं।