इन स्थानों पर बंद हैं मशीनें
सरकार ने हाल ही में गजनेर, कोलायत तथा नोखा ब्लॉक की सीएचसी में सोनोग्राफी मशीनें भेजी हैं, लेकिन ट्रैकर के अभाव में मशीनें चालू नहीं की जा सकी हैं। जबकि खाजूवाला में सोनोलॉजिस्ट के अभाव में यह मशीन बंद पड़ी है। हकीकत यह है कि खाजूवाला में निजी क्षेत्र में भी सोनोग्राफी मशीन नहीं है। ऐसे में मरीजों को करीब सवा सौ किलोमीटर दूर बीकानेर आना पड़ता है। श्रीडूंगरगढ़ तथा लूणकरनसर में भी यही हाल है। लूणकरनसर सीएचसी में पूर्व में एक मशीन थी लेकिन सोनोलॉजिस्ट के अभाव में मशीन 9 जनवरी 2018 से बंद पड़ी है। अब यह स्वास्थ्य भवन के माल खाने में जमा है।
देने पड़ते हैं 800 से हजार रुपए
लूणकरनसर में एक तथा श्रीडूंगरगढ़ में दो मशीनें निजी क्षेत्र में स्थापित हैं। इन मशीनों से जांच कराने के लिए रोगी को 800 से एक हजार रुपए तक फीस देनी पड़ती है। कोलायत मुख्यालय पर भी सोनोग्राफी मशीन नहीं है। बज्जू में निजी क्षेत्र में मशीन लगी हुई है, लेकिन इस पर सप्ताह में एक दिन रविवार को ही जांच की जाती है।