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चार साल से छात्राएं आ रही आगे, अध्यक्ष पद पर दे रही कड़ी चुनौती

locationबीकानेरPublished: Aug 12, 2019 12:07:25 pm

Submitted by:

Nikhil swami

students have been coming four years presiedent छात्रसंघ चुनाव में अब छात्राओं की भूमिका भी अहम हो गई है। पिछले चार सालों से विश्वविद्यालय व कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव में छात्राएं अध्यक्ष व पैनल का चुनाव लड़ती और लड़कों को टक्कर देकर जीत भी रही हैं।

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बीकानेर. छात्रसंघ चुनाव में अब छात्राओं की भूमिका भी अहम हो गई है। पिछले चार सालों से विश्वविद्यालय व कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव में छात्राएं अध्यक्ष व पैनल का चुनाव लड़ती और लड़कों को टक्कर देकर जीत भी रही हैं।
कई सालों से छात्रसंघ अध्यक्ष के लिए छात्र ही चुनाव लड़ते थे, लेकिन चार साल पहले राजकीय डूंगर महाविद्यालय में छात्रा को चुनाव मैदान में उतारा तो उन्होंने प्रतिद्वंद्वी छात्र को कड़ी टक्कर देकर हराया।
हाल ही महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में पहली बार छात्रा ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़कर एकतरफा जीत दर्ज की। अब छात्राएं पैनल में भी जगह बना रही हैं।


बैठकें शुरू, गांव-गांव करने लगे संपर्क
छात्रसंघ चुनाव की तारीख नजदीक आते ही कॉलेजों में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई हैं। कॉलेजों के छात्रों ने चुनाव की तैयारियों को लेकर मंगलवार को हॉस्टल व अन्य जगह पर गुप्त बैठक की।
उन्होंन अपने पसंदीदा उम्मीदवारों के चयन और उनके व्यवहार, छात्र राजनीति में अनुभव आदि पर विचार-विमर्श किया।
कुछ छात्र हॉस्टल में छोटे-छोटे समूहों में बैठकर छात्रसंघ के विभिन्न पदों को लेकर चुनाव में उतरने वाले हर उम्मीदवार की कुंडली खंगाल रहे हैं। छात्रनेता भी अपने प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। आजकल छात्रनेता गांव-गांव में जनसंपर्क के साथ सोशल मीडिया पर भी प्रचार कर रहे हैं।

पांच सालों में ये रहे छात्रसंघ अध्यक्ष
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय
वर्ष अध्यक्ष
२०१४-१५ इन्द्रजीत सिंह
२०१५-१६ निखिल राजपुरोहित
२०१६-१७ विक्रम सिंह
२०१७-१८ जयवीर सिंह
२०१८-१९ सीमा राजपुरोहित
राजकीय डूंगर महाविद्यालय
२०१४-१५ विजयपाल बेनीवाल
२०१५-१६ ज्योति चौधरी
२०१६-१७ मांगीलाल गोदारा
२०१७-१८ अशोक बुडिया
२०१८-१९ रामनिवास बेनीवाल
राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय
२०१४-१५ ओम कंवर राठौड़
२०१५-१६ पूनम कंवर तंवर
२०१६-१७ प्रेरणा पारीक
२०१७-१८ प्रियंका चौधरी
२०१८-१९ धनेश्वरी तंवर
परिजन नहीं देते अनुमति
छात्रसंघ चुनाव में छात्राओं की भूमिका कम हो रही है। इन छात्राओं के लिए एक बाउंड्री रहती है कि वे जनसंपर्क नहीं कर
सकती। छात्राओं के परिवार के सदस्य व माता-पिता इसकी अनुमति नहीं देते हैं।
डिम्पल कंवर सिसोदिया, छात्रा
पुराने ग्रुप टूटे
पुराने ग्रुप टूट चुके हैं और नई लड़कियों को चुनाव के बारे में जानकारी नहीं होती है। कॉलेज में कक्षाएं भी लेनी होती हैं, जिससे उपस्थिति पूरी हो। छात्रसंघ चुनाव में माहौल अलग होता है। इसलिए परिवार के लोग मना करते हैं।
अंजली शेखावत, छात्रा
भागीदारी कम
छात्राओं को उनके परिवार के लोग छात्रसंघ चुनाव में भागीदारी के लिए मना कर देते हैं। कई छात्राओं को नियमित कक्षाओं में भी जाना जरूरी होता है, इसलिए चुनाव में भागीदारी कम होती है।
चेतना ओझा, छात्रा
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