महाजन. महाजन व आसपास के ग्रामीण अंचल में गत दो दिनों से मौसम में आए बदलाव व रात के समय पडऩे वाले पाळे से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। कस्बे व क्षेत्र में सिंचित खेतों में बोई फसलें सूखे पाळे की मार से असमय ही नष्ट होने लगी हैं। कंवरसेन लिफ्ट नहर के किनारे एक खेत में बोई मक्के की फसल पाळे की मार से झुलस कर खराब हो चुकी हैं।
लूणकरनसर. चक्रवात के साथ जम्मू-कश्मीर की वादियों में हुई बर्फबारी व बारिश से मरूप्रदेश के मौसम में आए बदलाव से कड़ाके की ठण्ड शुरू हो गई है। गत तीन-चार दिनों से बढ़ी ठिठुरन व रविवार को हुई बूंदाबांदी से इलाके में लोगों की धूजणी छूट रही है। मौसम में बदलाव से आसमान में बादल छाए रहते हैं।
सींथल. कस्बे में अचानक मौसम में हुए परिवर्तन के कारण सूर्यदेव के दर्शन नही हुए तथा बादलों की ओट में सूर्यदेवता कभी अन्दर कभी बाहर की लुक्काछिप्पी सी खेलते हुए नजर आए। धूप नहीं निकलने तथा ठंडी हवाओं से हर कोई आसमान की तरफ टकटकी लगाकर देखते हुए नजर आया।
नापासर. कस्बे सहित ग्रामीण अंचल में रविवार को एक बार तो सुबह धूप खिली व मौसम साफ रहा लेकिन ग्यारह बजे के बाद आसमान में बादल छा गए। दिन में कई बार मामूली बूंदाबादी होती रही। बादलों के कारण ठंडक बढ़ गई।
सूडसर. कस्बे एवं यहां के ग्रामीण अंचलों क्षेत्रों में रविवार को अचानक से मौसम ने अपना मिजाज बदल लिया है और यहां की फिजाओं में गुलाबी ठंडक ने धमाकेदार दस्तक दे दी।
आसमान में दोपहर बाद बादल आच्छादित रहे और इसके चलते एकदम से ठंडक बढ़ गई। ठंडक से बचाव के लिए लोग गर्म कपड़े पहने नजर आए। दोपहर बाद से ही बारिश की हल्की फुहारें गिरने के कारण ठंडा का असर बढ़ा और शाम-शाम ढ़लते ही लोगों के ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ा रहा है।
ठुकरियासर. सर्र्दी का मौसम चल रहा पर निकल रहे मिंगसर मांस के बाद भी इस मौसम की रंगत नही बनने से किसानों के चेहरों पर भी चिन्ता की लकीरें छाने लग गई। इस समय खेतों में खड़ी गेहूं चने की फसलों में मावठ, कोहरे एवं ठण्ठ का अभाव और दिन की चटक धूप के कारण यह फसले पनप नही पा रही है।
इसके साथ ही ठण्ड का दौर भी शुरू हुआ है। इससे शाम होने तक लोगों को गर्म कपड़े पहने को मजबूर कर दिया।
आसमान में उमड़े बादलों के बाद बने मावठ के आसार से किसानों को भी कुछ राहत नजर आने लगी है।