महिलाओं ने सूर्यास्त से पहले रोटे से बनाए चूरमें, दही और सब्जी से व्रत का पारना किया। सूरज रोटा व्रत पर घर-घर में भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना हुई। महिलाओं ने पारम्परिक वस्त्रों और आभूषणों से श्रृंगारित होकर सामुहिक रूप से पूजा-अर्चना की। घरों में विशेष रौनक रही। कई महिलाओं ने सूरज रोटा व्रत का उजाणा भी किया।
सूरज रोटा का व्रत होली के बाद आने वाले पहले रविवार को मनाया जाता है। इस बार होली के बाद पहले रविवार को शीतला अष्टमी पर्व होने के कारण महिलाओं ने सूरज रोटा पर्व नहीं मनाया। 11 अप्रेल को रविवार पर श्रद्धा भाव के साथ यह पर्व मनाया गया।