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गर्मी के मौसम में हाई शुगर डाइट से करें परहेज, ज्यादा मीठा भी स्किन के पसीने छुड़ा देगा

locationबीकानेरPublished: Jun 06, 2018 06:55:47 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

गर्मी के मौसम में स्किन संबंधी रोगों से बचाव के लिए हाई शुगर डाइट से बचना चाहिए।

Sweat in summer

Sweat in summer

गर्मी के मौसम में स्किन संबंधी रोगों से बचाव के लिए हाई शुगर डाइट से बचना चाहिए। ज्यादा शुगर डाइट लेने से पसीने से मीठे तत्त्व बाहर निकलते हैं जिनके घाव, जख्म या संक्रमण का रूप लेने का खतरा रहता है। फल जैसे चीकू, केला, आम संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। इन फलों में मिठास अधिक होती है। ऐसे में शरीर में शुगर की मात्रा बढऩे से संक्रमण का खतरा दोगुनी तेजी से बढ़ता है। गर्मी में बच्चों के खानपान पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसमें बरती गई लापरवाही फोड़े-फुंसी की वजह बन सकती है। गर्मी में त्वचा पर पसीना जमने से फंगल इंफेक्शन होता है। इससे त्वचा की ग्रंथियां ब्लॉक हो जाती हैं जिससे संक्रमण घाव का रूप ले सकता है।

पसीना रोकने से नुकसान
गर्मी में जो लोग बहुत मोटे कपड़े पहन लेते हैं उनके शरीर से पसीना सही से नहीं निकल पाता है। पसीना कपड़े में चिपककर त्वचा के साथ बना रहता है। इससे त्वचा संबंधी संक्रमण होते हैं। पसीना जब बॉडी से चिपका रहेगा तो शरीर का कूलिंग सिस्टम खराब होता है जिससे त्वचा पर घाव, खुजली होने जैसी तकलीफ होती है। कुछ लोग बहुत अधिक पाउडर लगा लेते हैं। यह पाउडर शरीर में चिपक जाता है। पसीना आने पर ये उसके साथ मिलकर त्वचा की रोम छिद्र ग्रंथियों को बंद कर देता है जिससे पसीना आना बंद हो जाता है। यह भी त्वचा संबंधी संक्रमण का बड़ा कारण है।
गर्मी में चाय-कॉफी से परहेज करें

त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखने के लिए खाने में लौकी, तरोई, पालक के साथ ककड़ी, खीरा, तरबूज, खरबूजा पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में तरलता होती है जो त्वचा में नमी बनाए रखते हैं। चाय और कॉफी से बचना चाहिए क्योंकि कैफीन से स्किन को नुकसान होता है।
एलोपैथी
स्किन संबंधी संक्रमण से बचाव के लिए शरीर साफ रखना चाहिए। नहाने के बाद शरीर को अच्छे से पोंछना चाहिए। पंखे की हवा में शरीर सुखाने के बाद ही कपड़े पहनें। सिंथेटिक, मोटे कपड़े पहनने से बचें।
चेहरा धोते रहें

सूरज की तेज किरणों यानी अल्ट्रावॉयलेट रेज से स्किन डैमेज होती है। त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए सुबह उठते ही चेहरा साफ पानी से धोना चाहिए। बाहर निकल रहे हैं तो चेहरे पर सनस्क्रीन लगाकर निकलें। धूप से वापस आने के कुछ देर बाद ही चेहरा धो लें।
दोष के हिसाब से दवा

होम्योपैथी में त्वचा संबंधी परेशानी में दोष यानी मियाज्म जानने के बाद दवा और उसकी पोटेंसी तय करते हैं। त्वचा की तकलीफ घमौरियों, खुजली और जलन से शुरू होती है। शुरुआती लक्षण दिखते ही इलाज शुरू हो जाए तो त्वचा संबंधी परेशानी से बच सकते हैं।
खाते तो हैं, त्वचा पर लगा भी सकते

खीरा: इसके गोल पीस चेहरे और आंखों पर लगाने से त्वचा हाइडे्रट रहती है।
पपीता: पपीते के पल्प (गूदा) को चेहर या त्वचा पर लगाने से नमी रहती है।
टमाटर: खूब खाएं इसका रस त्वचा पर लगाएंगे तो संक्रमण नहीं होगा।
दही: नींबू का रस मिलाकर त्वचा पर लगाएं ठंडक महसूस होगी।
जायफल: त्वचा पर काले धब्बे हैं तो दूध में मिलाकर इसे लगाएं फायदा होगा।
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