बीकानेर

बीकानेर में पोक्सो कोर्ट बनने के बाद पहला फैसला, नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को दस साल की कैद

शहर में पोक्सो कोर्ट बनने के बाद दुष्कर्म के मामले में पहला फैसला सुनाया गया।

बीकानेरSep 14, 2018 / 08:45 am

dinesh kumar swami

court decision in hindi on amarpatan rape case

बीकानेर. शहर में पोक्सो कोर्ट बनने के बाद दुष्कर्म के मामले में पहला फैसला गुरुवार को सुनाया गया। इसमें अभियुक्त को दस साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायालय लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम-२०१२ तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-२००५ के पीठासीन अधिकारी बलदेवराज बेनीवाल ने सुनाया। न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सीकर जिला के भुदौली निवासी प्रेमदास उर्फ पप्पू पुत्र हजारीलाल हरिजन को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
 

न्यायाधीश ने नाबालिग से दुष्कर्म को अक्षम्य अपराध बताया। करीब एक महीने में ही पोक्सो कोर्ट ने मामले की पूरी सुनवाई कर फैसला सुना दिया। यह मामला करीब पांच साल से एससी-एसटी कोर्ट में विचाराधीन था। इसके बाद जिला एवं सेशन न्यायाधीश के आदेश से पोक्सो कोर्ट में प्रकरण दर्ज होकर हस्तांतरित हो गया। गौरतलब है कि अगस्त में देशभर में पोक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई के लिए अलग कोर्ट बना दिए गए।
 

पोक्सो कोर्ट बनने के बाद मामला स्वत: पोक्सो कोर्ट में हस्तांतरित हो गया। विशिष्ठ लोक अभियोजक शिवचंद भोजक ने नौ गवाहों के बयान करवाए तथा १५ दस्तावेज साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर दोषी को दो माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
 

 

यह है मामला
श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र के धोलिया रोड स्थित वन विभाग की गोचर भूमि में आरोपित प्रेमदास उर्फ पप्पू कुटिया बनाकर रह रहा था। पीडि़ता के पिता मजदूरी करते हैं। पीडि़ता की मां प्रेमदास के साथ रह रही थी। दो साल पहले पीडि़ता अपनी मां के पास कुटिया में आई। यहां प्रेमदास ने उससे ज्यादती की। पीडि़ता ने इस बारे में मां को बताया, लेकिन ध्यान नहीं दिया। एेसे में आरोपित ने उससे कई बार दुष्कर्म किया। इससे पीडि़ता गर्भवती हो गई।
 

तब उसकी मां और आरोपित ने सीकर के निजी अस्पताल में उसका गर्भपात करवा दिया। पांच अगस्त, २०१३ को पीडि़ता अपने मामा के पास भाग गई और वहां से नोहर अपने भाई के पास गई। वहां भाई और नानी को आपबीती सुनाई। इसके बाद श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाने में २१ सितंबर, २०१३ को आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
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