एक परिवादी ने अपने कृषि कनेक्शन के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम को 29 फरवरी 2008 में आवेदन किया था। इसके बाद उपभोक्ता को 19 अक्टूबर 2011 तक राशि जमा करवाने के लिए मांग पत्र जारी किया।
परिवादी ने मांग पत्र के अनुसार राशि भी जमा करवा दी, लेकिन उसके यहां बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ। इसके बावजूद निगम ने 62,215 रुपए का बिजली बिल थमा दिया। मंच ने कनेक्शन से पूर्व परिवादी को भेजे गए बिल को प्रतिपक्षीगण की सेवा में कमी माना गया। मंच के अध्यक्ष अमर चंद सिंघल, सदस्य पुखराज जोशी और इंदू सोलंकी ने फैसला सुनाते हुए परिवादी को 51 सौ रुपए अतिरिक्त अदा करने के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम को आदेश दिया।