scriptगाड़ी सूरतगढ़ में, नागौर में कट गया ई-रवानगी | The car was ejected in Suratgarh, Nagaur. | Patrika News

गाड़ी सूरतगढ़ में, नागौर में कट गया ई-रवानगी

locationबीकानेरPublished: Mar 24, 2019 11:27:06 am

Submitted by:

Nikhil swami

अवैध खनन से निकले माल को खपाने के लिए खनिजों के परिवहन में चल रहे खेल में नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं। खनन विभाग और परिवहन के अपने राजस्व जुटाने के लिए आंखों पर बांधी पट्टी की मार ट्रक ऑपरेटरों पर पड़ रही है। मसलन ट्रक सूरतगढ़ में है और उसमें खनिज परिवहन होने की ई-रवानगी नागौर में काटी जा रही है।

ejected

parivahan department

बीकानेर. अवैध खनन से निकले माल को खपाने के लिए खनिजों के परिवहन में चल रहे खेल में नित नए कारनामे सामने आ रहे हैं। खनन विभाग और परिवहन के अपने राजस्व जुटाने के लिए आंखों पर बांधी पट्टी की मार ट्रक ऑपरेटरों पर पड़ रही है।
मसलन ट्रक सूरतगढ़ में है और उसमें खनिज परिवहन होने की ई-रवानगी नागौर में काटी जा रही है। हैरानी डेढ़-डेढ़ साल पहले वाहन को ओवरलोड करने के चालान वाहन मालिकों के पास पहुंचने पर हो रही है।

गाडि़यों के नम्बर बदलकर ई-रवन्ना काटने का खेल धर्मकांटों पर लम्बे समय से चल रहा था। इसके बावजूद खान व परिवहन विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। इसका खुलासा होने के बावजूद खान विभाग ने अब तक न तो दोषी ट्रक मालिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और ना ही धर्मकांटा संचालकों पर। इसके विपरित जिन ट्रक मालिकों के घर लाखों रुपए के ई-रवन्ना चालान भेजे, उन्हीं से जुर्माना का तकाजा किया जा रहा है।

यूं चला फर्जीवाड़े का खेल
१६ मार्च २०१९ को नागौर के खींवसर में लाइम स्टोन से भरे एक ट्रक की ई-रवानगी काटी जाती है। ट्रक अजमेर परिवहन विभाग से रजिस्टर्ड है, लेकिन धर्मकांटे पर बीकानेर परिवहन विभाग से रजिस्टर्ड ट्रक के नम्बर लिखे जाते हैं। अब इस खेल को यूं समझें।
ट्रक में अगर ओवरलोड माल भरा, तो बीकानेर परिवहन विभाग से रजिस्टर्ड वाहन मालिक के घर ई-रवन्ना चालान पहुंच जाएगा। यही चालान अगर समय पर पहुंचता तो इसका खुलासा भी होता। करीब डेढ़ वर्ष बाद ओवरलोड के चालान भेज रहा है। एेसा नहीं है कि फर्जीवाड़े के इस खेल का परिवहन विभाग, खान विभाग के अधिकारी अनजान है।

अधिकारियों पर हो कार्रवाई
&परिवहन और खान विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते ट्रक मालिकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। दोनों विभागों के अधिकारी वर्षभर राजस्व वसूली में जुटे रहते हैं। इन्हें फर्जीवाड़े से कोई सरोकार नहीं है। फर्जीवाड़ा करने वालों को शह दी जाती है। इस प्रकरण में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
हनुमान प्रसाद शर्मा, अधिवक्ता सलाहकार समिति बीकानेर।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो