जयप्रकाश गहलोत/ बीकानेर। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जब से कानून सख्त हुआ है, तब से बलात्कार की झूठी शिकायतों के मामले भी बढ़ने लगे हैं। समाज में सबसे घिनौना अपराध है बलात्कार और इससे भी घिनौना होता है इस तरह के अपराध का आरोप। इस तरह के अपराध का आरोप लगने पर व्यक्ति की सारी मान-प्रतिष्ठा तो नष्ट होती है, साथ ही उसकी जिंदगी नारकीय हो जाती है। वह घर-परिवार और समाज में शर्मिन्दा होकर व घुट-घुट कर जीवन बसर करने को मजबूर हो जाता है। द्वेष व रंजिशवश दर्ज कराए जाने वाले बलात्कार के झूठे मुकदमों से पुलिस परेशान है। दस में से चार मुकदमें जांच में झूठे पाए जा रहे है। ऐसे मामलों को अदम पता और अदम वकू मानते हुए पुलिस तो एफआर लगाकर इतिश्री कर लेती है लेकिन जिस व्यक्ति पर बलात्कार का आरोप लगता है उसकी प्रतिष्ठा समाज में धूमिल हो जाती है। ऐसे में वह जीवनभर अपने दामन पर लगे झूठ के छींटों से स्वच्छ दामन के दाग को धो नहीं पाता है। उसे इसका दंश भोगना पड़ता है। हैरान करने वाली बात है कि इसके बावजूद बलात्कार का झूठा मामला दर्ज कराने वाली महिला कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होने के बावजूद बिना किसी रुकावट व समस्या के अपना जीवन गुजर-बसर करती है।
जिला पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक बीकानेर वर्ष 2021 से वर्ष 2024 मई तक महिला अपराध संबंधी 1719 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 396 जांच में झूठे पाए गए और पुलिस ने एफआर लगा दी। अब पुलिस ने झूठे मामले दर्ज कराने वालों के खिलाफ एक्शन ले रही है। इस साल झूठे पाए जाने वाले मामलों में परिवादी के खिलाफ इस्तगासे कोर्ट में पेश किए गए हैं। झूठे मामले दर्ज कराने वाले 29 जनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जिला पुलिस आंकड़ों के मुताबिक बीकानेर जिले में वर्ष 2021 में बालिग से बलात्कार के 53 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 12 में पुलिस ने चालान किया जबकि 21 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई। वर्ष 2022 में बलात्कार के 54 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 8 में पुलिस ने चालान किया जबकि 13 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई। वर्ष 2023 में बालिग से बलात्कार के 58 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 7 में पुलिस ने चालान किया जबकि 17 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई। वर्ष 2024 में बालिग से बलात्कार के 70 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 7 में पुलिस ने चालान किया जबकि 20 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई।
बीकानेर जिले में वर्ष 2021 में नाबालिग से बलात्कार के 17 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 9 में पुलिस ने चालान किया जबकि 2 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई। वर्ष 2022 में बलात्कार के 18 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 3 में पुलिस ने चालान किया जबकि 2 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई। वर्ष 2023 में बालिग से बलात्कार के 20 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 11 में पुलिस ने चालान किया जबकि 2 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई। वर्ष 2024 में नाबालिग से बलात्कार के 29 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 10 में पुलिस ने चालान किया जबकि 6 को झूठा मानते हुए एफआर लगाई।
- एससी-एसटी मामलो में मामला दर्ज होते ही 25 हजार से चार लाख तक का मुआवजा मिलने का प्रावधान है।
- महिलाओं में जागरूकता आने से छेड़छाड़, बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों को ब्लेकमेलिंग के लिए उपयोग किया जाने लगा है।
- सरकार ने महिला संबंधी अपराध के मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश दे रखे हैं। इसलिए महिलाएं इसे हथियार के रूप में अपना रही है।
मामले - दर्ज - एफआर
बलात्कार बालिग - 235 - 71
बलात्कार नाबालिग - 84 - 12
दहेज हत्या - 17 - 2
अपहरण - 123 - 26
छेड़छाड़ - 360 - 80
महिला उत्पीड़न - 745 - 172
- सवाल :- बलात्कार के मामले हर साल बढ़ रहे हैं, आप क्या मानती है ?
जवाब :- बलात्कार जैसे संगीन अपराध के मामले बढ़ना समान व परिवार के लिए चिंता की बात है। मेरा मानना है कि समाज में विघटन होने की िस्थति में ऐसे सामाजिक अपराध बढ़ते हैं।
- सवाल :- बलात्कार जैसे मामलों में पीडि़ता को न्याय मिले, इसके लिए पुलिस के क्या प्रसास रहते हैं ?
जवाब :- बलात्कार पीडि़ता को जल्द से जल्द न्याय मिले इसके लिए मामले ही बारीकी से जांच-पड़ताल कर साक्ष्य व सबूत जुटाते हैं। मुकदमे को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर कोर्ट की कार्रवाई जल्द करवाकर सजा दिलाने का प्रयास करते हैं।
- सवाल :- कई लोगों ने बलात्कार को हथियार बना लिया है। द्वेष या रंजिशवश बलात्कार का झूठा मामला दर्ज क
Published on:
15 Jun 2024 07:54 pm