scriptआंगनबाड़ी केन्द्रों के दिन फिरेंगे | The days of Anganwadi centers will revolve | Patrika News

आंगनबाड़ी केन्द्रों के दिन फिरेंगे

locationबीकानेरPublished: Aug 02, 2020 01:12:47 am

Submitted by:

Jaibhagwan Upadhyay

bikaner news -The days of Anganwadi centers will revolve

आंगनबाड़ी केन्द्रों के दिन फिरेंगे

आंगनबाड़ी केन्द्रों के दिन फिरेंगे

नई शिक्षा नीति में शामिल हुए बीकानेर के 154 आंगनबाड़ी केन्द्र
बीकानेर.
नई शिक्षा नीति के तहत अब आंगनबाड़ी केन्द्रों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए उत्कृष्ट पाठ्यक्रम और उनका शैक्षिक ढांचा तैयार हो सकेगा। प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्र अब नई शिक्षा नीति में शामिल हो गए हैं। हालांकि इनका संचालन की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग के पास ही रहेगी।
नई शिक्षा नीति का लाभ प्रदेश के साथ-साथ बीकानेर के 154 आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी देखने को मिलेगा। फिलहाल शहर और जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों की दशा ठीक नहीं है। जर्जर और किराए के भवनों में चलने वाले इन केन्द्रों की दशा और दिशा में जल्द ही परिवर्तन के आसार नजर आ रहे हैं। बीकानेर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों की बात करें तो इनकी संख्या 1450 से अधिक है। वहीं अकेले बीकानेर शहर में इनकी संख्या 154 है जहां हजारों विद्यार्थियों को पाठशाला पूर्व शिक्षा मुहैया करवाई जा रही है।

फिलहाल प्ले स्कूल का दर्जा
वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रों को राज्य सरकार प्ले स्कूल की तर्ज पर संचालित कर रही है। यहां तीन से छह आयु वर्ग के विद्यार्थियों को बातचीत, रंगों की पहचान, आकार, ध्वनि, खेलकूद, संख्याओं की जानकारी, मातृभाषा, संगीत, स्थानीय कला सहित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी करवाई जाती है।

नियमित करने पर विचार नहीं
आंगनबाड़ी केन्द्रों को भले ही नई शिक्षा नीति में शामिल कर लिया हो, लेकिन यहां वर्षों से कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं आशा सहयोगिनों को नियमित करने के बारे में कोई पहल नहीं हुई है। वर्षों से नियमतिकरण की मांग कर रही इन कार्यकर्ताओं को नई शिक्षा नीति से खासी उम्मीद है। बीकानेर जिले में जनसंख्या के आधार पर आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जहां जनसंख्या कम है, उन केन्द्रों पर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ही लगाया जाता है। वहीं अधिक जनसंख्या वाले इलाकों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में एक-एक कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा सहयोगिनी होती है। कार्यकर्ताओं को जहां 7500 रुपए, सहायिका को 4500 तथा आशा सहयोगिनों को 2500 रुपए मासिक वेतन दिया जाता है।

केन्द्र का निर्णय बेहतर साबित होगा
केन्द्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केन्द्रों को शामिल करने का निर्णय यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए बेहतर साबित होगा। शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों की दशा और दिशा में सुधार हो सकेगा। वहीं स्कूली शिक्षा से पूर्व अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को नया माहौल मिल सकेगा।
नरेन्द्र सिंह शेखावत, बाल विकास परियोजना अधिकारी, बीकानेर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो