एेसे शिक्षको का आरोप है कि विभागीय अधिकारी परिवेदनाओ की सुनवाई नहीं कर रहे तथा दिशा निर्देशों की आड़ में कम वरीयता वाले अभ्यॢर्थयों को बालिका स्कूलों में लगाया जा रहा है। जबकि दिशा निर्देशों में ही बालिका स्कूलों में रिक्त पदों पर प्राथमिकता से व्याख्याता लगाने के निर्देश है।
उनका कहना है कि जब दिव्यांग, विधवा, परित्यक्ता, गंभीर बीमार, एकल महिला, सामान्य महिलाओं को सबंधित विषय के पहले दिन काउंसलिंग में बुला लिया गया तो उसके बाद भी बालिका स्कूलों में रिक्त रहे पदों पर वरीयता वाले अभ्यर्थियों को नहीं लगाना अन्याय हेै।
केस नं.- एक राजनीति विज्ञान में 30 अगस्त को हुई काउंसलिंग में दौसा जिले के रिव्यू एवं रिवीजन सूची (आरआर) में वरीयता क्रमांक 779 हनुमान प्रसाद गुप्ता को बालिका सिकन्दरा अथवा मानपुर नहंी दिया गया जबकि इनसे कम वरीयता वाले अभ्यर्थियों को ये स्थान दे दिए गए ।
केस नं.- दो गणित में 31 अगस्त को हुई काउंसलिंग में आरआर सूची में वरीयता क्रमांक 51 पर संजीव गर्ग को बालिका बारह गुवाड़ स्कूल में पिछले चार साल से वरिष्ठ अध्यापक गणित के पद कार्यरत है और वहां गणित के व्याख्याता का पद रिक्त होने के बाद भी उसे नहीं लगाया गया ।
इस स्कूल में अब वरिष्ठ अध्यापक गणित व व्याख्याता के पद रिक्त हो गए हैं। अब इस स्कूल में छात्राओं को गणित विषय पढ़ाने वाला एक भी विषय अध्यापक नहीं है।