गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने ‘मजबूत हो बुनियादÓ नाम से अभियान चलाया था। जिसमें जिले के न्यून परिणाम रहे विद्यालयों के समाचार प्रकाशित किए थे। इन समाचारों को देखकर शिक्षा विभाग हरकत में आया। शिक्षा निदेशक ने तबादला आदेश में दसवीं बोर्ड के खराब परिणाम के कारण का हवाला भी दिया है। शिक्षा विभाग में हर साल दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा के विद्यालय वार परिणाम की समीक्षा होती है। परंतु 45 प्रतिशत से कम परिणाम रहने के जिम्मेदार कार्मिकों पर कार्रवाई नहीं होती है। इस बार विभाग ने कार्रवाई का साहस दिखाया है।
इनका हुआ स्थानांतरण प्रधानाचार्य मनोज कुमार व्यास को चित्तौडग़ढ़ से जैसलमेर, गायत्री वरमेंदु को सवाईमाधोपुर से जैसलमेर, जोगेन्द्र कुमार बेनीवाल को बाड़मेर से जैसलमेर, हेतराम मेहरड़ा को बीकानेर से जैसलमेर, अशोक कुमार को बाड़मेर से जैसलमेर व प्रधानाध्यापक कमलेश ढाका को बीकानेर से जैसलमेर व विनय रामावत का बाड़मेर से जैसलमेर स्थानांतरण किया गया।
वहीं वरिष्ठ अध्यापक गजेन्द्र कुमार का चित्तौडगढ़ से राजसमंद, गौतमचंद का बाड़मेर से जैसलमेर, बृजलाल जांगिड़ का बाड़मेर से जैसलमेर, ओंकारसिंह भाटी का बीकानेर से बाड़मेर, वर्षा गोदारा का बीकानेर से बाड़मेर, आमिर खान का बीकानेर से बाड़मेर, जगदीशचन्द्र भारती का कोटा से बारां तबादला किया गया। सुशीला वर्मा का कोटा से बारां, सुनीता रानी का कोटा से बारां, गोपाल लाल बेरवा का कोटा से बारां, महावीरप्रसाद कुशवाह का कोटा से बारां, रेवंतराम का चूरू से बाड़मेर स्थानांतरण किया गया।
अभियान का असर राजस्थान पत्रिका में 7 जून को ‘आदर्श मावि फूलेजी में 46 में से 10 विद्यार्थी ही पासÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने पर स्कूल के प्रधानाचार्य हेतराम मेहरड़ा को बीकानेर से जैसलमेर लगाया गया। इसके बाद 8 जून को ‘स्टाफ पूरा, फिर भी 26 विद्यार्थियों में से 20 फेल शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय रिड़मलसर के प्रधानाध्यापक कमलेश ढाका को बीकानेर से जैसलमेर लगाया गया।