पीबीएम अस्पताल के माहेश्वरी धर्मशाला स्थित कोरोनटाइन आइसोलेशन वार्ड में पिछले दस दिन से चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी यहां पहुंचने वाले संदिग्ध मरीजों की सेवा में जुटे हैं। डॉ. विवेक, डॉ. अनिल, डॉ. हर्ष, डॉ. सरायंत जैन, डॉ. गौरव, डॉ. राकेश, डॉ. मनीषा, डॉ. चन्द्रप्रकाश प्रताप सिंह, डॉ. नितिन, डॉ. रघुवीर, डॉ. धीरज, डॉ. आकांक्षा त्यागी, डॉ. कालूराम, डॉ. सत्यवीर सिंह, डॉ. रमेश जाट, डॉ. नवीन, डॉ. चन्द्रशेखर, डॉ. अनुभव, डॉ. अशोक, डॉ. दिनेश भांभू, डॉ. सदीप कुमार, डॉ. सुनील, डॉ. सोमवीर, डॉ. महेश सहित नर्सिंगकर्मी वार्ड प्रभारी राजेन्द्र बिजारणिया, मुकेश कुमार, महेन्द्र सहारण, ओमप्रकाश, जेठमल कुकणा, डूंगरगराम, सीमा, रश्मि थानवी, सुमनलता, राम बंशीवाल, पूनम गढ़वाल, संदीप, अर्पित शर्मा, नवरतन कड़ेला, संदीप कौर, सरिता, दिनेश ढाका, राकेश कुमारी, हेमलता मरीजों की सेवा कर रही है।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. एलए गौरी ने बताया कि शुक्रवार को कॉलेज की लैब में १९ सैम्पलों की जांच कराई गई, जिनक रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बीकानेर के आठ, श्रीगंगानगर के सात, हनुमानगढ़ के तीन एवं चूरू के एक मरीज के सैम्पल की जांच की गई जो नेगेटिव आई हैं। आइसोलेशन वार्ड में अभी १७ संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। छह मरीजों को घर १४ लोगों को क्यूरेंटाइम में रखा गया है। इनकी देखभाल के लिए सीएमएचओ कार्यालय की टीम लगाई गई हैे।
स्वास्थ्य विभाग के एपिडियोमॉलोजिस्ट नीलम प्रतापसिंह ने बताया कि अब तक एक लाख ४० हजार ७०८ घरों का सर्वे कर 4 लाख ९१ हजार ६३२ लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिसमें से १२ हजार १२९ लोग सामान्य सर्दी जुकाम से पीडि़त पाए गए। २०२ लोगों को संदिग्ध के चलते अस्पताल भेजा। ३७ लोगों की कोरोना की जांच कराई गई। १५४ लोगों होम आइसालेशन कराया जा चुका हैं।