आखिरकार कर्ज तले दबने व पैसों के अभाव में शेष जिन्दगी चारपाई पर गुजरे को मजबूर है। परिवार में 80 वर्षीय गरीब पिता शिवलाल भांभू के बुढापे के सहारे की जगह आज सोहनलाल अपने पिता के लिए इलाज के अभाव में बोझ बना है। सोहनलाल की रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर से सीने से निचले भाग ने काम करना बंद कर दिया है तथ दोनों पैरों में लकवाग्रस्त हालत में हैं।
परिजन बड़ी मुश्किल से पैसों का जुगाड़ कर दवा का खर्च चला रहे थे। डॉक्टरों ने कहा कि अगर शेष जिन्दगी को बचाना है तो ये खर्च वहन करना पड़ेगा। उसके पिता की उम्र ज्यादा होने से घर में अब कमाने वाला कोई नही है। इससे परिवार इन दिनों बेहद गरीबी की हालत में तंगहाली में जीवन गुजर बसर कर रहा है। परिवार का गुजारा सोहनलाल को मिलने वाली विकलांग पेंशन एवं पिता को वृद्धावस्था पेंशन से जैसे-तैसे चल पाता है।
सोहनलाल के परिवार की हालत व आर्थिक तंगी का अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि परिवार में शौचालय और स्नानघर भी नहीं है। खास तौर पर बीमार सोहनलाल को शौचालय के अभाव में ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। सरकार की ओर से भी कोई आर्थिक मदद नही मिल रही है।
लाचार बेबस सोहनलाल को वर्तमान में मुख्यमंत्री सहायता कोष व प्रधानमन्त्री स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मिलने वाली कोई सहायता उपलब्ध नही है। उधर, छतरगढ़ सरपंच नारायणराम खिलेरी से सम्पर्क करने पर कहा कि पंचायत स्तर पर सोहनलाल को सहायता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।