शाम के सत्र में ‘भारत में आम चुनाव के मुद्दे और चुनौतियांÓ विषय पर समूह चर्चा हुई। पूर्व मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जो वर्ग देश की वर्तमान परिस्थितियों को लेकर चिन्तित है, वो चिन्ता तो ३० साल पहले होनी चाहिए थी, क्योंकि इन परिस्थितियों के बीज तीस साल पहले की बोए जा चुके थे। उन्होंने कहा कि किसी भी नेतृत्व का आकलन भीड़ से नहीं करना चाहिए। पवन के. वर्मा ने कहा कि बीकानेर के पाटों पर खुली चर्चा होती है, इससे सुखद अनुभूति होती है। गजेन्द्र सिंह सांखला ने कहा कि पिछले पांच साल के शासन में देश में भय सा माहौल बना है। आज जनता की जरूरतों पर मंथन करना चाहिए। संयोजक अनिल गुप्ता ने कहा कि समस्याओं का समाधान संवाद से होता है, न कि विवाद से। बीकानेर की पाटा संस्कृति इसके लिए प्रसिद्ध है। समूह चर्चा का संयोजन करते हुए अनिरुद्ध उमट ने कहा कि अहिंसा और करुणा के माध्यम से आत्मुक्त संवाद होना चाहिए।