वायरस के कारण ११ लोगों की मौत हुई। जुलाई के ११ दिनों में ही ५२८ मरीज रिपोर्ट हो गए और नौ की मौत हो गई। यानिकी संक्रमण ढाई गुना अधिक रहा। अब बात जुलाई माह की करें तो सामने आता है कि पूरे माह में ३९ हजार ६२६ सैम्पलों की जांच की गई, जिसमें से १६९८ में संक्रमण पाया गया। वहीं ३२ लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन ने संक्रमण को रोकने की तमाम कोशिशें की जो कामयाब नहीं हुई। संक्रमण तो रुका नहीं बल्कि मरीज और बढऩे शुरू हो गए। अगस्त माह के ११ दिन में १५५५९ लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से ७५४ संक्रमित पाए गए और १३ लोगों की मौत हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से यह स्पष्ट हो चुका है कि जून के मुकाबले अगस्त में संक्रमण तीस गुना अधिक है। वहीं मृत्युभर भले की कम हो लेकिन मरने का आंकड़ा ज्यादा हैं।
मृत्युदर पिछले माह के बराबर
अप्रेल में पॉजिटिव मरीजों की तुलना में मृत्युदर तीन प्रतिशत रहा। मई में चार, जून में पांच प्रतिशत रहा। जुलाई मरीजों की तुलना में मृत्युदर दो प्रतिशत ही रहा जबकि अगस्त माह के ११ दिनों में मरीज जुलाई माह की तुलना में २२६ कोरोना संक्रमित लोग अधिक रिपोर्ट हुए हैं। जुलाई के ११ दिनों में ५२८ लोग संक्रमित हुए जबकि अगस्त में ७५४ लोग संक्रमित हुए हैं।
कोरोना का पुरुषों पर कहर
कोरोना महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक गिरफ्त में ले रहा है। जिले में अब तक २७८६ कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिनमें १८०२ पुरुष और ९८४ महिलाएं संक्रमित हुई है। वहीं कोरोना से ३५ पुरुष और २५ महिलाओं की मौत हो चुकी हैं।
कोरोना महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक गिरफ्त में ले रहा है। जिले में अब तक २७८६ कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जिनमें १८०२ पुरुष और ९८४ महिलाएं संक्रमित हुई है। वहीं कोरोना से ३५ पुरुष और २५ महिलाओं की मौत हो चुकी हैं।
सख्ती कम, लापरवाही ज्यादा, नतीजा सामने
शहर में सामूहिक भोज, गोठ सहित अन्य सामूहिक भोज के आयोजन के बाद कोरोना की रफ्तार बढ़ी है। संक्रमण बढ़ाा तो जिला प्रशासन ने सख्ती भी की लेकिन वह कारगर नहीं रही। लोग बिना मास्क और सुरक्षा के घुम रहे हैं। बाजार खुल तो फिर से संक्रमण गति पकडऩे लगा। २९ जून के बाद से संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है जो कम होने का नाम ही नहीं ले रही। अब ऐसे लगता है जिला व पुलिस प्रशासन भी कोरोना से हार मान चुके हैं जब ही तो ढिलाई बरत रहे हैं। सख्ती नहीं होने से लोग ज्यादा लापरवाह होकर घुम रहे हैं।
अन्य जिलों से स्थिति बेहतर
संक्रमण चेन तोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना आमजन के सहयोग के बिना खत्म नहीं हो सकता। बीकानेर जिले की स्थिति अन्य जिलों से बेहतर है। जून के मुकाबले जुलाई और अगस्त में सैम्पलिंग ७० गुना अधिक है, जिससे मरीज भी अधिक सामने आ रहे हैं। सैम्पलिंग के मामले में बीकानेर प्रदेश में पांचवें नंबर पर है।
डॉ. बीएल मीणा, सीएमएचओ
एक नजर आंकड़ों पर
माह सैम्पल पॉजिटिव मौत
अप्रेल २११८ ३७ १
मई ८०९६ ६९ ३
जून १७०४१ २२८ ११
जुलाई ३९६२६ १६९८ ३२
अगस्त १५५५६ ७५४ १३
माह सैम्पल पॉजिटिव मौत
अप्रेल २११८ ३७ १
मई ८०९६ ६९ ३
जून १७०४१ २२८ ११
जुलाई ३९६२६ १६९८ ३२
अगस्त १५५५६ ७५४ १३