पुलिस ने साढ़े चार माह पुराने इस मामले में दो युवतियों और दो युवकों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। जेएनवीसी सीआइ अरविंद भारद्वाज ने बताया कि नागौर जिले के गोठ मांगलोद निवासी किरण (२७) पुत्री गणेशाराम एवं शारदा (२९) पुत्री गणेशाराम, मकोड़ी गांव निवासी रामकिशन (५७) पुत्र चुनाराम जाट और खेतास निवासी रमेश (२९) पुत्र भंवरलाल जाट को नागौर जिले से गिरफ्तार किया गया है।
यूं खुली पोल
सीआई भारद्वाज ने बताया कि २४ सितंबर को थाने में प्रकरण दर्ज होने के बाद उप निरीक्षक सुषमा, एएसआई ओमप्रकाश सिंगड़, कांस्टेबल कृष्णकुमार, अमित, पूजा, अनिल कुमार आदि ने जांच शुरू की। जांच में परिवादी रामूराम पर बलात्कार, गर्भपात कराने का आरोप लगाकर ब्लेकमेल कर उससे रुपए ऐंठने तथा आरोपियों की मांग पूरी नहीं होने पर परिवादी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की धमकी के आरोप प्रमाणित पाए गए। इस पर पुलिस टीम ने दोनों युवतियों नागौर जिले के गोठ मांगलोद गांव से और व्यक्तियों को मकोड़ी गांव से गिरफ्तार किया गया।
सीआई भारद्वाज ने बताया कि २४ सितंबर को थाने में प्रकरण दर्ज होने के बाद उप निरीक्षक सुषमा, एएसआई ओमप्रकाश सिंगड़, कांस्टेबल कृष्णकुमार, अमित, पूजा, अनिल कुमार आदि ने जांच शुरू की। जांच में परिवादी रामूराम पर बलात्कार, गर्भपात कराने का आरोप लगाकर ब्लेकमेल कर उससे रुपए ऐंठने तथा आरोपियों की मांग पूरी नहीं होने पर परिवादी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की धमकी के आरोप प्रमाणित पाए गए। इस पर पुलिस टीम ने दोनों युवतियों नागौर जिले के गोठ मांगलोद गांव से और व्यक्तियों को मकोड़ी गांव से गिरफ्तार किया गया।
यह है मामला
परिवादी रामूराम पुत्र चोखराम जाट ने २४ सितंबर,२० को मामला दर्ज कराया कि शारदा, किरण, रामकिशन व रमेश उसके खिलाफ साजिश कर झूठे मुकमदे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। आरोपी उसे ब्लेकमेल कर २० लाख रुपए मांग रहे हैं। उक्त मामले की जांच एएसपी ग्रामीण सुनील कुमार ने की। जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए।
परिवादी रामूराम पुत्र चोखराम जाट ने २४ सितंबर,२० को मामला दर्ज कराया कि शारदा, किरण, रामकिशन व रमेश उसके खिलाफ साजिश कर झूठे मुकमदे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। आरोपी उसे ब्लेकमेल कर २० लाख रुपए मांग रहे हैं। उक्त मामले की जांच एएसपी ग्रामीण सुनील कुमार ने की। जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए।
पीडि़त की जुबानी…
पीडि़त रामूराम ने बताया कि बीकानेर सोफिया स्कूल के सामने उसका फ्लेट है। वह किरण, शारदा, रामकिशन व रमेश ने २५ मई, २० को फोन कर धमकी दी कि २० लाख रुपए दे अन्यथा तेरे खिलाफ मामला दर्ज कराएंगे। इस पर मैंने उक्त लोगों से नागौर आकर बात करने को कहा। २७ मई को नागौर एसपी के सामने पेश हुआ और आप बीती बताई। बाद में एडीशनएल एसपी के समक्ष प्रकरण बताई और रिकॉर्डिंग सुनाई। इसके बाद पुलिस ने लड़कियों को फंसाने का जाल बिछाया। पुलिस के कहे अनुसार लोकेशन पर बुलाया लेकिन लॉकडाउन के कारण वह लोकेशन बंद होने से दूसरी जगह बुलाना पड़ा। इसी दरम्यिान उन्हें पुलिस कार्रवाई की भनक लग गई। युवतियोंं ने फोन बंद कर दिया। बाद में २९ मई को नागौर में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवा दिया और खाजूवाला में घटना बताई। तब परिवादी ने यह मामला बीकानेर ट्रांसफर करवा लिया। पुलिस ने अब जांच कर इस मामले में दोनों युवतियों समेत चारों को गिरफ्तार कर लिया।
पीडि़त रामूराम ने बताया कि बीकानेर सोफिया स्कूल के सामने उसका फ्लेट है। वह किरण, शारदा, रामकिशन व रमेश ने २५ मई, २० को फोन कर धमकी दी कि २० लाख रुपए दे अन्यथा तेरे खिलाफ मामला दर्ज कराएंगे। इस पर मैंने उक्त लोगों से नागौर आकर बात करने को कहा। २७ मई को नागौर एसपी के सामने पेश हुआ और आप बीती बताई। बाद में एडीशनएल एसपी के समक्ष प्रकरण बताई और रिकॉर्डिंग सुनाई। इसके बाद पुलिस ने लड़कियों को फंसाने का जाल बिछाया। पुलिस के कहे अनुसार लोकेशन पर बुलाया लेकिन लॉकडाउन के कारण वह लोकेशन बंद होने से दूसरी जगह बुलाना पड़ा। इसी दरम्यिान उन्हें पुलिस कार्रवाई की भनक लग गई। युवतियोंं ने फोन बंद कर दिया। बाद में २९ मई को नागौर में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवा दिया और खाजूवाला में घटना बताई। तब परिवादी ने यह मामला बीकानेर ट्रांसफर करवा लिया। पुलिस ने अब जांच कर इस मामले में दोनों युवतियों समेत चारों को गिरफ्तार कर लिया।
पत्रिका की खबरें का असर
राजस्थान पत्रिका ने हनी ट्रेप के मामलों को लेकर बार-बार पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृर्षित कराया है। जिले में पिछले दो-तीन साल से हनी ट्रेप का गिरोह सक्रिय है, जिसने कई व्यापारियों, कर्मचारियों व अधिकारियों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस के समक्ष पांच प्रतिशत ही मामले पहुंच रहे हैं जबकि अधिकांश मामले में लोग रुपए देकर मामला सुलटा लेते हैं। पुलिस प्रशासन को हनी ट्रेप के मामलों को लेकर गंभीरता रखनी होगी तभी लोग ठगने से बच पाएंगे।
राजस्थान पत्रिका ने हनी ट्रेप के मामलों को लेकर बार-बार पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृर्षित कराया है। जिले में पिछले दो-तीन साल से हनी ट्रेप का गिरोह सक्रिय है, जिसने कई व्यापारियों, कर्मचारियों व अधिकारियों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस के समक्ष पांच प्रतिशत ही मामले पहुंच रहे हैं जबकि अधिकांश मामले में लोग रुपए देकर मामला सुलटा लेते हैं। पुलिस प्रशासन को हनी ट्रेप के मामलों को लेकर गंभीरता रखनी होगी तभी लोग ठगने से बच पाएंगे।