यह बात भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने शनिवार को कृषि उपनिदेशक कार्यालय परिसर स्थित आत्मा में कृषि और कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की कृषि विपणन आधारित संरचना योजना पर नाबार्ड की ओर से हुई कार्यशाला में कही।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजस्व गांव व ग्राम पंचायत स्तर पर भंडारण केंद्र (वेयर हाउस)बनाए जाए। नाबार्ड की आरआईडीएफ (ग्रामीण मूलभूत सुविधा विकास निधि) योजना से जिले को नए आयाम मिल सकते हैं। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद सभी बैंकों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, अग्रणी जिला प्रबंधक, राजूवास, काजरी व ऊष्ट्र अनुसंधान केन्द्र को नाबार्ड के साथ मिलकर विकास करने पर जोर दिया। साथ ही नाबार्ड की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए सुझाव भी दिए।
नाबार्ड के क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक ने नाबार्ड की किसान उत्पादक संगठन योजना, स्वयं सहायता समूहों के डिजिटाईजेशन के लिए ई-शक्ति का योगदान, आजीविका, उद्यमी विकास योजना, गैर कृषि क्षेत्र में रोजगार के लिए चलाई जा रही योजाओं के बारे में बैंकों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया। किसानों तथा खेती से जुड़े सभी वर्गों को समय से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के नाबार्ड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
मिशन को पूरा करने में योगदान देंगे राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक ने भारत सरकार की सामाजिक एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना पर बैंकों की ओर से किए जाने वाले कार्यो की जानकारी दी। साथ ही विश्वास दिलाया कि किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के भारत सरकार के मिशन को पूरा करने में अपना योगदान देंगे।
जिला विकास प्रबंधक रमेश ताम्बिया, विणन और केन्द्र सरकार के निरीक्षण निदेशालय से आए डॉ. अनिल गहलोत ने एमआई योजना के बारे में जानकारी दी। नाबार्ड के सहयोग से बीकानेर में चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डाला। नाबार्ड जयपुर के प्रबंधक शाक्ति बालन ने सभी आगंतुकों का अभार जताया।