चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती तीन महीनों में प्रॉपर्टी मालिकों को मिलने वाली दस प्रतिशत छूट की अवधि लॉक डाउन में ही निकल जाने से यूडी टैक्स के दायरे में आने वाली प्रॉपर्टी के मालिकों को छूट का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। प्रॉपर्टी मालिक हर साल टैक्स पर दस प्रतिशत छूट मिलने से इस अवधि में बड़ी राशि टैक्स के रूप में निगम में जमा करवाते है। कोरोना और लॉक डाउन के कारण निगम को यह राजस्व अभी नहीं मिल पाया है।
अप्रेल से जून तक दस प्रतिशत छूट
नगरीय विकास कर एक अप्रेल से तीस जून के बीच जमा करवाने पर प्रॉपर्टी मालिक को चालू वित्तीय वर्ष में दस प्रतिशत छूट का प्रावधान रहता है। छूट के दौरान हर साल निगम में यूडी टैक्स जमा होता है। बड़ी राशि वाले प्रॉपर्टी मालिकों को इस छूट से अधिक राहत मिलती है। बताया जा रहा है जुलाई से सितम्बर तक पांच प्रतिशत छूट मिलती है। इसके बाद चालू वित्तीय वर्ष में छूट नहीं मिलती है।
गत वर्ष की तुलना में 23 लाख कम
नगरीय विकास कर के रूप में नगर निगम को वित्तीय वर्ष 2019 -20 में अप्रेल से जुलाई तक ७६ लाख रुपए राजस्व के रूप में प्राप्त हुए थे। इस दौरान 166 लोगों ने यूडी टैक्स जमा करवाया था, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में अप्रेल से 29 जुलाई तक 96 लोगों ने 53 लाख रुपए यूडी टैक्स के रूप में जमा करवाए है। यह गत वर्ष को प्राप्त हुए इस अवधि के टैक्स की तुलना में 23 लाख रुपए कम है।
छूट की बढ़े अवधि
कोरोना और लॉक डाउन के कारण दस प्रतिशत छूट से वंचित रहे लोगों का कहना है कि शहर के कोरोनाकाल को मध्यनजर रखते हुए दस प्रतिशत छूट की अवधि को बढ़ाना चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी और निगम के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इनका कहना है कि कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन व बंद रही दुकानों, प्रतिष्ठानों और बाजारों के कारण कमजोर आर्थिक स्थिति से लोग जूझ रहे है। सरकार को नगरीय विकास कर में ३० जून तक जो दस प्रतिशत छूट की अवधि थी उसको बढाया जाना चाहिए।