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बंद पड़ी जलापूर्ति को लेकर भड़के ग्रामीणों ने सहायक अभियंता को घेरा , देखें वीडियो

locationबीकानेरPublished: Apr 23, 2018 02:15:45 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

गत 15 दिनों से भीषण गर्मी में पांच गांवों की बंद पड़ी जलापूर्ति को लेकर सुनवाई नहीं करने से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।

assistant engineer

सहायक अभियंता

लूणकरनसर. लूणकरनसर के जलदाय विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों की अनदेखी से गत 15 दिनों से भीषण गर्मी में पांच गांवों की बंद पड़ी जलापूर्ति को लेकर सुनवाई नहीं करने से रविवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों की तादाद में ग्रामीणों ने बामनवाली के जलदाय विभाग कार्यालय पर धरना देकर विरोध जताया तथा मौके पर पहुंचे
जलदाय विभाग के सहायक अभियंता रवि राजवंशी को करीब ७ घण्टे तक रोके रखा व जलापूर्ति सुचारू होने के बाद ग्रामीण शांत हुए। धीरेरां सरपंच प्रतिनिधि हेतराम जांगू ने बताया कि बामनवाली वाटरवक्र्स से जुड़े ग्राम जैसां, सादेरां, डूडीवाली, मेहराणा व डूडी मुकलेरा में गत १५ दिनों ने विभागीय अधिकारियों व कार्मिकों की अनदेखी से जलापूर्ति ठप थी। भीषण गर्मी के दौर में पानी के अभाव में ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही थी।
इस दौरान ग्रामीण लगातार सहायक अभियंता रवि राजवंशी समेत कार्मिकों को पेयजल किल्लत से अवगत करवाते रहे। लेकिन कोई सुनवाई नहीं करने पर रविवार को ग्रामीणों को गुस्सा फूट पड़ा। इन ५ गांवों से लक्ष्मणराम जांगू, शैतानाराम, दुलीचंद, रामेश्वर डूडी, पीथाराम गोदारा, बुधाराम व हंसराज के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण रविवार सुबह ९ बजे बामनवाली के जलदाय विभाग के कार्यालय पर पहुंचकर घेराव किया तथा इसके बाद मौके पर पहुंचे सहायक अभियंता रवि राजवंशी का घेराव कर बैठाए रखा तथा जलापूर्ति सुचारू होने पर छोडऩे की बात कही।
मामले की जानकारी मिलने के बाद लूणकरनसर थाने के सीआई अशोक कुमार बिश्नोई के नेतृत्व में मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत किया तथा दोनों पक्षों में सुलह करवाई गई। इस पर ग्रामीणों ने गांवों में पानी की आपूर्ति सुचारू होने पर सहायक अभियंता को छोडऩे पर सहमति जताई।
इसके बाद सहायक अभियंता ने मौके पर मौजूद रहकर मेहराणा गांव में बनी टंकी में पानी भरवाकर जलापूर्ति सुचारू करवाने के बाद शाम को छोड़ा। जलदाय विभाग की अनदेखी का आलम यह था, कि मेहराणा गांव में ५ करोड़ की जलप्रदाय योजना के बड़ी टंकी, फिल्टर प्लाण्ट व २ भण्डारण के डिग्गी बनी हुई है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से सूखी पड़ी थी। इससे जुड़े ५ गांव १५ दिनों से जल संकट झेल रहे थे।
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