प्रधानाचार्यों से लेकर द्वितीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों के बारे में शिक्षा मंत्री डा. बी डी कल्ला बोल चुके हैं कि इनके तबादले तो किए जाएंगे लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर खुलकर बोलने से शिक्षा मंत्री भी परहेज कर रहे हैं। कभी वे इस वर्ग के शिक्षकों के तबादले नीति के अनुसार करने की बात कहते हैं, तो कभी जिले के भीतर ही तबादले करने के संकेत देते हैं, जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों में सबसे बड़ा वर्ग अंतर जिला तबादलों का इंतजार कर रहा है। वर्षों से शिक्षक अपने गृह जिलों से दूर बैठे हैं तथा अब अपने गृह जिलों में आना चाहते हैं। विधायको का भी शिक्षा मंत्री पर अंतर जिला तबादले करने का भारी दबाव है। ऐसे में शिक्षा मंत्री कल्ला इस पर कैबिनेट तथा मुख्यमंत्री स्तर पर निर्णय होने की बात कहकर पीछा छुड़ाते दिखाई देते हैं।
कैबिनेट की बैठक पर निगाहें
तृतीय श्रेणी शिक्षकों की निगाहें अब 6 जुलाई की शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक पर टिकी हुई हैं। शिक्षकों को उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में उनके तबादलों के बारे में कोई निर्णय जरूर लिया जाएगा, ताकि दूरस्थ बैठे शिक्षकों की वर्षों से गृह जिलों में आने की मुराद पूरी हो सके।
पहले भी दो बार लिए जा चुके हैं आवेदन
तृतीय श्रेणी शिक्षकों से पहले भी दो बार ऑनलाइन आवेदन लिए का चुके हैं। अन्य संवर्गों के तबादले तो हो गए लेकिन इस वर्ग के शिक्षकों के आवेदन फाइलों में ही दबकर रह गए। अब अगले वर्ष चुनाव हैं, तो उन्हें आस है कि उनके जन प्रतिनिधि उन्हें अपने गृह जिले में लाने के लिए सरकार पर दबाव बनाकर राहत दिलाएंगे। अगर ऐसा नही होता है, तो आगामी चुनावों में जन प्रतिनिधियों को लाखों तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।