इन दिनों तेज गर्मी से आमजन सहित पशुधन का हाल-बेहाल है। इस क्षेत्र में भूमिगत जल खारा होने के कारण ग्रामीण नहर से निकलने वाले विभिन्न माइनरों पर ही निर्भर है।
कस्बे के जलदाय विभाग में र तीन डिग्गियां बनी है जिसमें से एक डिग्गी में पानी है। जबकि तीनों में से सबसे बड़ी डिग्गी मरम्मत कार्य पूरा नहीं होने से खाली है। यहां छह बोरवैल भी है जिसमें से तीन बोरवैल की मोटरें खराब होने कारण बंद हैं। वहीं एक केएम, संसारदेसर, कृष्णनगर, केला, गोरीसर सहित कई स्थानों पर डिग्गियों में मात्र पांच-दस फीट ही पानी बचा है। वहीं छह केपीएम में बनी डिग्गी सुखी पड़ी है। इससे ग्रामीणों पानी की किल्लत को लेकर जूझना पड़ रहा है। गांवों में आवारा पशुओं के लिए बनी खेलियां भी खाली पड़ी है। गांवों में पेयजल संकट को लेकर विभाग भी गंभीर है।
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
किसान नेता इंद्रराज बैनीवाल ने बताया कि क्षेत्र के आरडी 507 हेड, संसारदेसर, केला, पांच एडब्लूएम, राझेवाली सहित कई चक व आबादियों में पानी खत्म हो गया है। यदि सप्ताह भर और पानी नहीं मिला तो इन गांवों में संकट खड़ा हो जाएगा। फिलहाल गांवों में पानी की उपलब्धता के आधार पर आपूर्ति की जा रही है और दो चार दिन के अन्तराल से पानी दिया जा रहा है। आगामी समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था से आपूर्ति की संभावना नहीं है।
इनका कहना है
नहरबंदी से पूर्व छतरगढ़ क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में पानी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सरपंचों को जिम्मेदार सौंपी थी। वहीं छतरगढ़ कस्बे में पेयजल संकट से निपटने के लिए मुख्यनहर से पाइप लाइन बिछाने का कार्य जारी है। जल्द ही पूरा करते हुए पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित कर देंगे। ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर पीने के पानी के लिए सुनिश्चित व्यवस्था की जाएगी।
आदित्य श्रीमाली, सहायक अभियंता जलदाय विभाग छतरगढ़