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जल संकट:पेयजल किल्लत से बिगड़ रहे हालात

locationबीकानेरPublished: May 04, 2018 09:49:21 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

यहां पर ६० फीसदी से अधिक गांव-ढाणियों में आज भी लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैें।

Water crisis
नोखा. नोखा विधानसभा क्षेत्र में पीने के पानी की बहुत बड़ी समस्या है। यहां पर ६० फीसदी से अधिक गांव-ढाणियों में आज भी लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैें। अकेले नोखा तहसील क्षेत्र की बात करंे तो, कारीब ५० फीसदी क्षेत्र में पानी में फ्लोराइड की अधिकता होने के कारण वह पीने योग्य नहीं है। कुछ इलाकों में तो पानी हद से ज्यादा खारा होने के कारण उसका कोई उपयोग नहीं हो सकता है। इसमें दो दर्जन से अधिक गांव ऐसे है, जहां पर लोग बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते है।

पांचू ब्लॉक में पानी के हालात खराब
वहीं पांचू पंचायत समिति के करीब दो दर्जन गांवों में पानी की भंयकर समस्या है। यहां जमीन के अंदर भी खारा पानी होने के कारण पीने योग्य नहीं है। पूरे क्षेत्र में फ्लोराइड युक्त पानी है और उसे पीने से घुटनों का दर्द, दांत खराब होने जैसी बीमारियां हो रही है। गांव-ढाणियों में बनाए गए जलहौद में पानी नहीं पहुंचाने से वे बेकार साबित हो रहे हैं। नोखा क्षेत्र में नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण कई बार धरने-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। तीन माह पहले युवा नेता मगनाराम केड़ली नोखा को नहरी पानी उपलब्ध कराने के लिए नोखा से जयपुर तक पैदल यात्रा निकाल कर राज्यपाल से भी मिल चुके है।
नागौर जा रहा पानी, नोखा को नसीब नहीं
बीकानेर से नागौर तक नहरी पानी पहुंचाया जा रहा है। वह नोखा के बीच से होकर जाता है, लेकिन नोखा को नहरी पानी नहीं मिल रहा है। जबकि देशनोक तक नहरी पानी आ चुका है, मात्र ३० किमी. के क्षेत्र को नहरी पानी से जोड़ दिया जाए तो यहां के लोगों को पीने का पानी मिल सकता है।

तहसील के इन गांवों में संकट
नोखा तहसील के रायसर, बिरमसर,चरकड़ा, सुरपुरा, बैरासर, थावरिया, दुदावास, बिलनियासर, धूंपालिया, बगसेऊ, मैनसर, मूंदड़, मैनसर सहित दर्जनभर गांवों में पानी खारा व फ्लोराइड युक्त होने से पीने योग्य नहीं है।
२४ गांव बारिश के पानी पर निर्भर
नोखा. पांचू ब्लॉक में दो दर्जन से अधिक गांव ऐसे है, जहां पर पानी पीने योग्य नहीं होने से वहां के ग्रामीण बारिश के पानी पर निर्भर रहते है। जिसमें भादला, शोभाणा, सारुण्डा, बासी, मांडेलिया, साधुना, काहिरा, चिताना, दावा, सीलवा, बंधड़ा, टांट, स्वरूपसर, हंसासर, शेखासर, लीलका, कंवलीसर आदि गांव शामिल है। इसके अलावा पांचू, नाथूसर, ढिंगसरी, बंधाला, साठिका, जांगलू, जेगला, देसलसर में पानी पीने योग्य नहीं है।

समाजसेवी टैंकरों से खेळियों में डलवा रहे पानी
केसरदेसर बोहरान. ग्राम पंचायत किल्चु देवडान व कल्याणसर बड़ा में पिछले चार दिन से पेयजल किल्लत बनी है। ग्रामीणों ने सरपंच दिलीप सिंह से मिलकर पेयजल आपूर्ति दुरुस्त करवाने के लिए कहा। सरपंच ने बताया कि गांव में जलदाय विभाग के सभी नलकूप खराब हैं। अधिकारियों को कई बार अवगत कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समाजसेवी जेठूसिंह टैंकरों से पशुओं के लिए खेळियों में पानी डाल रहे हैं। सरपंच ने बताया कि विभाग द्वारा अगले दो दिनों में नलकूप को ठीक नहीं किया तो ग्रामीणों के साथ मिलकर जिला कलक्टर कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

डेढ़ दशक बाद भी टंकी से नहीं हो पाई जलापूर्ति

पांचू. भादला गांव के लोग पिछले 15-16 साल से गांव के बीच बनी पानी की टंकी को टकटकी लगाए देखते हैं और आंखों में पानी भर कर चल देते हैं। ग्रामीण जोगसिंह भादला ने बताया कि गांव में यह पानी की टंकी पेयजल व्यवस्था माकूल करने के लिए बनाई गई थी लेकिन जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते आज तक बंद पड़ी है। ग्रामीणों ने बताया कि जब यह टंकी बनी थी। तब कुछ समय तो इससे सप्लाई मिली थी लेकिन इसके बाद लगभग 15.16 साल से ये टंकी बेकार है। ग्रामीणों द्वारा कई बार इससे जलापूर्ति चालू करवाने की मांग सरकार व विभाग से की गई लेकिन कहीं कोई सुनवाई नही हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि टंकी के पर लगी लोहे की सीढ़ी टूटकर हवा में लटक रही है तथा कभी भी गिर सकती है तथा हादसा हो सकता है।
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