पंजाब से चले प्रदूषित पानी के बीकानेर संभाग में पहुंचने की आंशका बताई जा रही है। इसके चलते जलदाय विभाग ने बीकनेर, हनुमानगढ़ व गंगानगर में नहरी पानी को पेयजल आपूर्ति की डिग्गियों, जलाशयों में जाने से रोक दिया है। बीकानेर के नाल गांव में कानासर वितरिका से पानी आता है, लेकिन उसे पीछे ही रोक दिया गया है। इस वितरिका का पानी नाल में एयरफोर्स स्टेशन व आवासीय क्षेत्र में डिग्गियों के माध्यम से दिया जाता है। नाल गांव को जलदाय विभाग की डिग्गियां से पानी मिलता है। परन्तु पानी नहर से ही आता है।
ऑक्सीजन नहीं
दो-तीन दिनों में नहरी पानी की गुणवत्ता में सुधार हो जाएगा। फिलहाल इस पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम थी, इस कारण जीव-जन्तु मर रहे हैं। संभाग में तीनों जिलों में इसकी आपूर्ति नहीं होगी, इसके बंदोबस्त कर दिए
गए हैं।
बी.कृष्णनन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, बीकानेर
दो-तीन दिनों में नहरी पानी की गुणवत्ता में सुधार हो जाएगा। फिलहाल इस पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम थी, इस कारण जीव-जन्तु मर रहे हैं। संभाग में तीनों जिलों में इसकी आपूर्ति नहीं होगी, इसके बंदोबस्त कर दिए
गए हैं।
बी.कृष्णनन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, बीकानेर
15 दिनों का भंडारण जलदाय विभाग के अनुसार नाल गांव की प्यास बुझाने वाली डिग्गियों की क्षमता ११५० केएल पानी की है। इसमें वर्तमान में भंडारण कर रखा है, इससे करीब 15 दिनों तक लोगों की प्यास बुझाई सकेगी। नाल गांव, एयरफोर्स क्षेत्र में डिग्गियों में भंडारण कर रखे पानी से ही आपूर्ति की
जा रही है।
जा रही है।
दो दिन से बंद
जलदाय विभाग का दावा है कि नहरों में दूषित पानी आने की जानकारी मिलने पर जलदाय विभाग ने 20 मई को ही नहरों से डिग्ग्यिों
और जलाशयों में पानी लेना बंद कर दिया लेकिन, जिन गांवों में सीधे रॉ वाटर (नहरी पानी) को पीने के उपयोग में लिया जाता है वहां पर प्रदूषित पानी ही लोग पी रहे है।
जलदाय विभाग का दावा है कि नहरों में दूषित पानी आने की जानकारी मिलने पर जलदाय विभाग ने 20 मई को ही नहरों से डिग्ग्यिों
और जलाशयों में पानी लेना बंद कर दिया लेकिन, जिन गांवों में सीधे रॉ वाटर (नहरी पानी) को पीने के उपयोग में लिया जाता है वहां पर प्रदूषित पानी ही लोग पी रहे है।